सक्ती।CG NEWS :इस वर्ष रबी फसल को लेकर किसानों में उम्मीदें जग गई थीं। सभी का विश्वास था कि सरकार नहर में पानी छोड़ेगी ताकि किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो। लेकिन सक्ती जिले के मालखरौदा क्षेत्र में स्थित किसानों के लिए ये उम्मीदें जल्द ही निराशा में बदल गई हैं। किसानों का कहना है कि नहर में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है, जिससे उनकी रबी फसल बर्बादी के कगार पर है।
किसानों के मुताबिक, उन्होंने जल संसाधन विभाग को कई बार लिखित आवेदन दिए, लेकिन अब तक कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। उनका कहना है कि यदि जल्द ही नहर में पानी नहीं छोड़ा गया तो उनकी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी। यह न केवल उनके लिए आर्थिक संकट का कारण बनेगा, बल्कि उनकी उम्मीदें भी चकनाचूर हो जाएंगी।
आज फिर से किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल जल संसाधन विभाग खरसिया पहुंचा, जहां उन्होंने एक और लिखित आवेदन दिया। आवेदन में किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्दी पानी का प्रबंध नहीं किया गया, तो उनकी फसल पूरी तरह से खराब हो जाएगी और ऐसे में वे कर्ज तले दबकर आत्महत्या तक करने की स्थिति में आ सकते हैं।
किसानों का कहना है कि उन्होंने अपनी फसल के लिए कर्ज लिया था और अब पानी न मिलने के कारण वे बेहद परेशान हैं। उनका भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है, क्योंकि बिना पानी के उनकी मेहनत बर्बाद हो सकती है।
किसानों का दर्द
किसानों का कहना है, “हमने अपनी जमीन पर कड़ी मेहनत की थी, कर्ज लेकर बीज और खाद खरीदी थी, लेकिन अगर अब पानी नहीं मिलेगा तो हमारी फसल पूरी तरह से नष्ट हो जाएगी। हम सरकार से अपील करते हैं कि जल्द से जल्द नहर में पानी छोड़ा जाए ताकि हम अपनी फसल को बचा सकें।”
सवाल उठता है – क्या सरकार इन किसानों की मदद करेगी?
इस संकटपूर्ण स्थिति में सवाल ये है कि क्या सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से लेगी और किसानों की समस्याओं का समाधान करेगी? अगर नहर में पानी नहीं छोड़ा जाता, तो सक्ती जिले के किसान आर्थिक संकट में आ सकते हैं, जिसका प्रभाव उनकी दैनिक जिंदगी पर भी पड़ेगा।