Grand NewsGrand News
  • छत्तीसगढ़
  • मध्य प्रदेश
  • मनोरंजन
  • खेल
  • धर्म
  • वायरल वीडियो
  • विदेश
Search
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Reading: Universe NEWS : वैज्ञानिकों ने ‘कॉस्मिक माइक्रोवेव बैकग्राउंड’ का यूज करके पता लगाया,ब्रह्मांड का छिपा हुआ आधा हिस्सा।…
Share
Notification Show More
Font ResizerAa
Font ResizerAa
Grand NewsGrand News
Search
  • छत्तीसगढ़
  • मध्य प्रदेश
  • मनोरंजन
  • खेल
  • धर्म
  • वायरल वीडियो
  • विदेश
Follow US
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Grand Newsछत्तीसगढ़

Universe NEWS : वैज्ञानिकों ने ‘कॉस्मिक माइक्रोवेव बैकग्राउंड’ का यूज करके पता लगाया,ब्रह्मांड का छिपा हुआ आधा हिस्सा।…

Aarti Beniya
Last updated: 2025/04/20 at 4:16 PM
Aarti Beniya
Share
8 Min Read
SHARE

Universe NEWS : ब्रह्मांड के विकास के लिए प्रचलित मॉडल बिग बैंग सिद्धांत है। बिग बैंग मॉडल बताता है कि ब्रह्मांड की सबसे प्रारंभिक अवस्था अत्यंत गर्म और सघन थी, और उसके बाद ब्रह्मांड का विस्तार और ठंडा होना शुरू हुआ। यह मॉडल सामान्य सापेक्षता और अंतरिक्ष की समरूपता और समरूपता जैसी सरल मान्यताओं पर आधारित है। ब्रह्माण्ड संबंधी स्थिरांक (लैम्ब्डा) और ठंडे डार्क मैटर वाले मॉडल का एक संस्करण , जिसे लैम्ब्डा-सीडीएम मॉडल के रूप में जाना जाता है , सबसे सरल मॉडल है जो ब्रह्मांड के बारे में विभिन्न अवलोकनों का एक उचित रूप से अच्छा विवरण प्रदान करता है।

- Advertisement -
इस योजनाबद्ध आरेख में, समय बाएं से दाएं की ओर जाता है, जिसमें ब्रह्मांड को किसी भी समय डिस्क के आकार के “स्लाइस” द्वारा दर्शाया जाता है। समय और आकार पैमाने पर नहीं हैं। शुरुआती चरणों को दृश्यमान बनाने के लिए, आफ्टरग्लो चरण (वास्तव में पहला 0.003%) का समय बढ़ाया जाता है और बाद के विस्तार (वास्तव में वर्तमान तक 1,100 गुना) को काफी हद तक दबा दिया जाता है।

प्रारंभिक गर्म, सघन अवस्था को प्लैंक युग कहा जाता है , जो शून्य समय से लेकर लगभग 10 -43 सेकंड के एक प्लैंक समय इकाई तक की एक संक्षिप्त अवधि है। प्लैंक युग के दौरान, सभी प्रकार के पदार्थ और सभी प्रकार की ऊर्जा एक सघन अवस्था में केंद्रित थीं, और गुरुत्वाकर्षण – जो वर्तमान में चार ज्ञात बलों में से सबसे कमजोर है – माना जाता है कि यह अन्य मूलभूत बलों की तरह ही मजबूत था, और सभी बल एकीकृत हो सकते हैं । इस शुरुआती अवधि ( प्लैंक युग में क्वांटम गुरुत्वाकर्षण सहित) को नियंत्रित करने वाले भौतिकी को समझा नहीं गया है, इसलिए हम यह नहीं कह सकते कि समय शून्य से पहले क्या हुआ था, यदि कुछ हुआ था ।प्लैंक युग बाद से, ब्रह्मांड अपने वर्तमान पैमाने पर विस्तार कर रहा है , जिसमें ब्रह्मांडीय मुद्रास्फीति की एक बहुत ही छोटी लेकिन तीव्र अवधि का अनुमान है जो पहले 10 -32 सेकंड के भीतर हुई थी।

- Advertisement -
Ad image
- Advertisement -

ब्रह्मांड के अस्तित्व के एक सेकंड के पहले अंश के भीतर, चार मूलभूत बल अलग हो गए थे। जैसे-जैसे ब्रह्मांड अपनी अकल्पनीय रूप से गर्म अवस्था से ठंडा होता गया, विभिन्न प्रकार के उपपरमाण्विक कण कम समय में बनने में सक्षम हो गए, जिन्हें क्वार्क युग , हैड्रॉन युग और लेप्टन युग के रूप में जाना जाता है । साथ में, इन युगों ने बिग बैंग के बाद 10 सेकंड से भी कम समय को शामिल किया। ये प्राथमिक कण स्थिर रूप से कभी भी बड़े संयोजनों में जुड़े, जिनमें स्थिर प्रोटॉन और न्यूट्रॉन शामिल थे, जिन्होंने फिर परमाणु संलयन के माध्यम से अधिक जटिल परमाणु नाभिक का निर्माण किया ।

- Advertisement -

वैज्ञानिकों ने दशकों से गायब माने जा रहे ब्रह्मांड के आधे हिस्से यानी ‘बैरोनिक मैटर’ को खोज निकाला है. यह मैटर दरअसल हाइड्रोजन गैस के रूप में हर गैलेक्सी के चारों ओर ‘हेलो’ जैसे ढांचे में मौजूद था, लेकिन इतना हल्का और फैला हुआ था कि टेलीस्कोप से भी नहीं दिख रहा था. दुनियाभर के वैज्ञानिक सालों से ब्रह्मांड के उस ‘गायब आधे हिस्से’ की तलाश में जुटे थे, जो कभी समझ से परे था. आखिरकार, ये रहस्य भी सुलझ गया है. नई रिसर्च में खुलासा हुआ है कि जो मैटर दशकों से लापता माना जा रहा था, वह हमारी आंखों के सामने ही मौजूद था. बस इतने हल्के रूप में कि हम उसे देख नहीं पा रहे थे. इस खोज ने ब्रह्मांड की संरचना और उसके गहरे रहस्यों को समझने की दिशा में नई उम्मीदें जगा दी हैं.

- Advertisement -

ब्रह्मांड का आधा हिस्सा आखिरकार मिल गया है. नहीं, हम किसी चोरी की बात नहीं कर रहे. ये उस ‘गायब’ मैटर की कहानी है, जिसे वैज्ञानिक दशकों से ढूंढ रहे थे. अब पता चला है कि वो हमारे ही आस-पास था, लेकिन नजरों से छिपा हुआ. ये हिस्सा है ‘बैरोनिक मैटर’ यानी वो सामान जिससे तारे, ग्रह, इंसान… सब बने हैं. वैज्ञानिकों को अंदेशा था कि इसका करीब 50% कहीं गुम है. अब जाकर इसकी भनक मिली है, गैलेक्सी के बाहर, अदृश्य हाइड्रोजन के रूप में. इस हाइड्रोजन को देखना नामुमकिन था. ये आयोनिक अवस्था में है, इतना फैला हुआ और हल्का कि कोई टेलीस्कोप इसे नहीं पकड़ सकता. लेकिन फिर भी इसे खोज लिया गया. कैसे? इसके लिए वैज्ञानिकों ने सीधा आकाश नहीं देखा, बल्कि आकाश के पीछे की रोशनी को देखा.

कॉस्मिक माइक्रोवेव बैकग्राउंड (CMB) यानी ब्रह्मांड की ‘पहली रोशनी’, हर दिशा में फैली है. जब ये रोशनी किसी गैस से टकराती है, तो हल्का-सा बदलाव आता है. उस बदलाव को पकड़ना आसान नहीं था. पर साइंटिस्ट्स ने ‘स्टैकिंग’ नाम की एक ट्रिक लगाई. यानी एक जैसे लाखों ऑब्जर्वेशन को एक के ऊपर एक जमाकर देखा गया. इससे वो फीकी, अदृश्य-सी गैस चमकने लगी. और वहीं दिखी हमारी खोई हुई हाइड्रोजन!

कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी और लॉरेंस बर्कले लैब के रिसर्चर्स ने 8 अरब प्रकाशवर्ष दूर की 1 मिलियन रेड गैलेक्सी को स्टडी किया. उन्होंने पाया कि हर गैलेक्सी के चारों ओर हाइड्रोजन का एक विशाल बादल है. इतना बड़ा, जितना पहले सोचा भी नहीं गया था. अब सवाल उठता है कि ये गैस वहां कैसे पहुंची? दो रास्ते हैं. एक- गैलेक्सी के बाहर से गैस आकर उसमें समा गई. दूसरा- जब गैलेक्सी के सेंटर में मौजूद ब्लैक होल एक्टिव होता है, तो वह इतना तेज फोर्स छोड़ता है कि गैस को गैलेक्सी से बाहर धकेल देता है. यही गैस फिर गैलेक्सी के चारों ओर छा जाती है.

ब्लैक होल से जुड़ी क्या बात पता चली?

ब्लैक होल जब ज्यादा एक्टिव होता है, तो इसके चुंबकीय क्षेत्र से निकलते जेट्स लाखों प्रकाशवर्ष दूर तक फैल जाते हैं. साथ ही बहुत तेज हवाएं भी फूटती हैं, जो अंदर की गैस को बाहर कर देती हैं. इससे सितारे बनना रुक जाता है, क्योंकि तारे गैस से ही बनते हैं.

अब जो विशाल हाइड्रोजन के बादल मिले हैं, वो बताते हैं कि ब्लैक होल की ये एक्टिविटी शायद रुक-रुक कर होती है. कभी शांत, तो कभी अचानक भड़क उठती है. इससे गैलेक्सी कैसे बनती है, कैसे बढ़ती है, इस पर नई रोशनी पड़ती है. लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती. कुछ रिसर्च बताती हैं कि ब्रह्मांड का कुछ और गायब मैटर डार्क मैटर की रेखाओं में छुपा है, वही कॉस्मिक वेब जो गैलेक्सियों को जोड़ता है.

ब्रह्मांड की पहेली का एक अहम टुकड़ा मिला

इस रिसर्च ने एक नया दरवाजा खोल दिया है. वैज्ञानिक अब इन अदृश्य गैसों को ढूंढने का एक तरीका पा चुके हैं. अब काम है इन सारे टुकड़ों को जोड़ना और पूरी तस्वीर बनाना. रिसर्चर्स ने अपनी स्टडी में लिखा भी, ‘ये काम ब्रह्मांड की गुत्थियां सुलझाने की एक नई शुरुआत है.’ उनकी यह स्टडी Physical Review Letters में सबमिट की गई है और उपलब्ध है.

 

TAGGED: # latest news, #छत्तीसगढ़, CG BREAKING NEWS, universe news, ग्रैंड न्यूज़
Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Copy Link Print
Previous Article CG: 40 किलो गांजा सहित दो अंतरराज्यीय तस्कर गिरफ्तार CG: 40 किलो गांजा सहित दो अंतरराज्यीय तस्कर गिरफ्तार
Next Article CG: Rahiman, keep water, without wate CG: रहिमन पानी रखिए, बिन पानी सब सून..इस कहावत को चरितार्थ करते हुए,नन्हे मुन्ने बच्चे अंशिका-लक्ष्य

Latest News

CG NEWS : घर के आंगन में सो रही थीं महिलाएं, आधी रात को हाथी ने कर दिया हमला
CG NEWS : घर के आंगन में सो रही थीं महिलाएं, आधी रात को हाथी ने कर दिया हमला
Grand News May 11, 2025
India Pakistan Ceasefire : क्या होता है सीजफायर का मतलब?
India Pakistan Ceasefire : क्या होता है सीजफायर का मतलब?
NATIONAL देश May 11, 2025
CG weather : छत्तीसगढ़ में मौसम ने बदला रुख, आज कई जगहों पर हल्की बारिश और गरज-चमक के आसार, रायपुर में भी बौछारें संभव
CG weather : छत्तीसगढ़ में मौसम ने बदला रुख, आज कई जगहों पर हल्की बारिश और गरज-चमक के आसार, रायपुर में भी बौछारें संभव
Grand News May 11, 2025
CG NEWS :  खेत में बुजुर्ग की लाश मिलने से मचा हड़कंप, पास में मिली जहरीली शीशी से आत्महत्या की आशंका 
CG NEWS : खेत में बुजुर्ग की लाश मिलने से मचा हड़कंप, आत्महत्या की आशंका!
छत्तीसगढ़ बिलासपुर May 11, 2025
Follow US
© 2024 Grand News. All Rights Reserved. Owner - Rinku Kahar. Ph : 62672-64677.
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?