CG NEWS : भाजपा सरकार द्वारा किए गए शासकीय करण के वादे को लेकर प्रदेश सचिव संघ ने 17 मार्च से कलमबंद हड़ताल शुरू कर दी थी, जो 17 अप्रैल को बिना मुख्य मांग पूरी हुए समाप्त हो गई। सचिव संघ की मुख्य मांग पंचायत सचिवों का शासकीय करण थी, जिसे भाजपा ने चुनाव पूर्व ‘मोदी की गारंटी’ के तहत वादा किया था। करीब एक माह तक चले इस आंदोलन के बावजूद सरकार ने शासकीय करण पर कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया।
हड़ताल के दौरान सचिवों ने राजधानी में विधानसभा का घेराव किया, जनपद मुख्यालयों में धरना-प्रदर्शन और क्रमिक भूख हड़ताल की। पंचायतों का कार्य पूरी तरह ठप हो गया, जिससे ग्राम सभा जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम प्रभावित हुए। सरकार ने पहले चेतावनी दी, फिर 14 अप्रैल से पहले ही पंचायत सचिवों का प्रभार अन्य अधिकारियों को सौंप दिया, जिससे सचिवों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बना। सरकार ने अंततः चार मांगों पर सहमति जताई। जनवरी 2026 तक शासकीय करण पर समिति की अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी, चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति हेतु मार्गदर्शिका जारी होगी, हड़ताल अवधि का वेतन स्वीकृत किया जाएगा और 15 वर्षों की सेवा पर वेतन सत्यापन में आ रही विसंगतियों को सुधारा जाएगा। इन मांगों की पूर्ति के आश्वासन के बाद सचिव संघ ने आंदोलन समाप्त कर काम पर लौटने का ऐलान किया। रविवार को सभी पंचायत सचिव जनपद कार्यालयों में पहुंचे और सुशासन त्योहार के तहत मिले आवेदनों के निराकरण में जुट गए। रायगढ़ जनपद में 13,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिन्हें एक माह में निपटाकर पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। प्रांताध्यक्ष उपेंद्र पैंकरा ने पंचायत मंत्री विजय शर्मा से चर्चा के बाद आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की।