नई दिल्ली। Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की शहादत ने हर दिल को रुला दिया। सबसे भावुक कर देने वाला दृश्य तब सामने आया, जब उनकी नवविवाहिता पत्नी हिमांशी उनके ताबूत से लिपटकर रोती रहीं।महज़ सात दिन पहले, 16 अप्रैल को विनय और हिमांशी ने सात फेरे लिए थे। दोनों का सपना था, एक साथ दुनिया घूमने का, ज़िंदगी को हँसी-खुशी जीने का। लेकिन किसे पता था कि यह प्यार भरी शुरुआत इतनी जल्दी एक दर्दनाक मोड़ ले लेगी।
हनीमून मनाने के लिए विनय और हिमांशी पहलगाम गए थे। वे भेलपुरी खा रहे थे, तभी कुछ आतंकी आए और विनय पर हमला कर दिया। हिमांशी ने बताया, “वो आदमी आया, पूछा – ये मुस्लिम नहीं है? और फिर गोली चला दी। मेरी आँखों के सामने मेरे पति को मार दिया गया।”
विनय का सपना था कि वो पत्नी के साथ अपना पहला जन्मदिन मनाए, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था। उनका पार्थिव शरीर जब उनके पैतृक गांव पहुंचा, तो हर आंख नम थी। नौसेना प्रमुख से लेकर राज्य के मुख्यमंत्री तक ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
विनय की शहादत केवल एक पत्नी का सुहाग नहीं छीनी, बल्कि देश ने एक बहादुर सपूत खो दिया। उनकी अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब यही कह रहा था —
“शहीद विनय अमर रहें, तुम्हारी कुर्बानी बेकार नहीं जाएगी।”