बिलासपुर।CG NEWS : कोनी थाना क्षेत्र के तुर्काडीह गांव में एक शादी समारोह के बाद फूड पॉइजनिंग का गंभीर मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार, सतनामीपारा निवासी नीरज सांडे की बेटी की शादी के कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों ने रात को भोजन किया था, जिसके बाद गुरुवार सुबह छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की तबीयत बिगड़ने लगी।
उल्टी-दस्त की शिकायत के बाद पीड़ितों की संख्या बढ़ते-बढ़ते 45 तक पहुंच गई, जिन्हें तत्काल सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, सभी मरीजों की हालत अब स्थिर है, हालांकि एक मरीज, जागेश्वर बंजारे की स्थिति गंभीर बनी हुई है और उन्हें आईसीयू में रखा गया है।
स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और खाने के सैंपल जांच के लिए एकत्र किए गए हैं। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि तीन गंजे में बनाए गए चावल में से एक गंज का चावल खराब था। इसी चावल को खाने वालों की तबीयत बिगड़ी है, जबकि अन्य दो गंजों के चावल से किसी को कोई दिक्कत नहीं हुई।
फूड सेफ्टी अधिकारियों ने बताया कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि भोजन में किस तत्व के कारण फूड पॉइजनिंग हुई। फिलहाल तुर्काडीह गांव में स्वास्थ्य विभाग की निगरानी बढ़ा दी गई है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
गर्मी में बढ़ रहा फूड पॉइजनिंग का खतरा
विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मियों में तापमान अधिक होने से बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं, जिससे फूड पॉइजनिंग का खतरा बढ़ जाता है। WHO के अनुसार, हर साल करीब 60 करोड़ लोग फूडबोर्न डिजीज़ का शिकार होते हैं। छोटे बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।
फूड पॉइजनिंग के मुख्य कारण
– दूषित पानी से बनी या धोई गई सब्जियां
– गंदे बर्तन या अधपका भोजन
– बिना हाथ धोए खाना बनाना या खाना
– खराब स्टोरेज और गर्मी में खराब हो चुका खाना
बचाव के उपाय
– खाना पकाने से पहले और बाद में हाथ धोना
– खाद्य पदार्थों को सही तापमान पर स्टोर करना
– ताजा और शुद्ध पानी का उपयोग
– बाहर के खाने से परहेज
– सब्जियों व फलों को अच्छे से धोकर ही इस्तेमाल करना
स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार गांव में कैंप लगाकर निगरानी कर रही है और स्थिति को नियंत्रण में बताया जा रहा है।