18 फरवरी को मिला वीजा
जानकारी के मुताबिक शैतान सिंह की सगाई चार साल पहले अमरकोट निवासी केसर कंवर के साथ तय हुई थी। लंबे प्रयासों के बाद 18 फरवरी को दुल्हे समेत अन्य परिवार के सदस्यों का वीजा क्लीयर हुआ था। इन्हें अटारी बॉर्डर के रास्ते 24 अप्रेल को पाकिस्तान जाना था, लेकिन पहलगाम हमले के बाद इन्हें रोक दिया। इन्हें 12 मई 2025 तक वीजा मिला था।
गम में बदल गई खुशी
दुल्हे शैतान सिंह ने बताया कि अब क्या कहूं.. खुशी गम में बदल गई है और मेरा तो दिल टूट गया है। हमारी रिश्तेदारी पहले से हैं। आतंकवादियों ने जो कुछ किया, वह गलत है। अब सरकार ने जो फैसला लिया है, उसके साथ हूं। शादी अटक गई है, काफी हताश हूं।
अमरकोट से गहरा संबंध
अब तक मारवाड़ क्षेत्र में हुई शादियों में पाकिस्तान के अमरकोट और छाछरो से ही बेटियां यहां आई है। जिले के राजपूत, चारण, मेघवाल, मुस्लिम समाज के इन बेटियों ने भारत में घर बसाए है। बाड़मेर-जैसलमेर जिले में काफी शादियां हुई है। कई परिवार भारत आकर बेटियों की शादी करते है तो कुछ परिवार पाकिस्तान बारात लेकर जाते है।