बीजापुर। CG NEWS : बीजापुर जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। कर्रेगट्टा पहाड़ की दुर्गम चोटियों पर नक्सलियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा और निर्णायक ऑपरेशन बीते 100 घंटों से लगातार जारी है। इस ऑपरेशन में छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र से 10,000 से अधिक सुरक्षाबल के जवानों ने मोर्चा संभाला है और नक्सलियों को चारों ओर से घेर रखा है।
सूत्रों के अनुसार, नक्सली संगठन के शीर्ष कमांडर माडवी हिड़मा, देवा और विकास अपनी बटालियन नंबर-1 के साथ इस घेरे में फंसे हुए हैं। कर्रेगट्टा पहाड़, जो बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर स्थित है और लगभग 5,000 फीट ऊंचा है, नक्सलियों का एक मजबूत गढ़ माना जाता रहा है।
भीषण गर्मी और विषम चुनौतियों के बीच ऑपरेशन
44 से 45 डिग्री तापमान और कम ऑक्सीजन स्तर की कठिन परिस्थितियों में भी सीआरपीएफ, डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा, ग्रेहाउंड्स और महाराष्ट्र के C-60 कमांडो पूरे 7 किलोमीटर के दायरे में क्षेत्र को घेरकर लगातार अभियान चला रहे हैं। ड्रोन और सैटेलाइट से हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। हाल ही में जवानों को पहाड़ में एक विशाल गुफा मिली है, जिसे नक्सलियों का ठिकाना माना जा रहा है।
अब तक तीन महिला नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं और 100 से अधिक आईईडी भी निष्क्रिय किए गए हैं। भीषण गर्मी और डिहाइड्रेशन के कारण कुछ जवानों को एयरलिफ्ट कर भद्राचलम ले जाया गया है, जहां उनका उपचार चल रहा है। अनुमान है कि यह ऑपरेशन एक हफ्ते से लेकर एक महीने तक जारी रह सकता है।
नक्सलियों की वार्ता की पेशकश
ऑपरेशन के बीच, नक्सली संगठन भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के उत्तर-पश्चिम सब जोनल ब्यूरो के प्रभारी रूपेश ने एक पत्र जारी कर सरकार से शांति वार्ता की अपील की है। पत्र में उन्होंने ऑपरेशन रोकने और वार्ता शुरू करने की मांग की है। हालांकि, सुरक्षा बलों ने इस अपील को दरकिनार करते हुए ऑपरेशन की गति और बढ़ा दी है।
हिड़मा और देवा: सुरक्षाबलों के मुख्य लक्ष्य
45 लाख रुपये के इनामी नक्सली कमांडर माडवी हिड़मा को 2013 के झीरम घाटी हमले समेत कई बड़े हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता है। वहीं देवा, बटालियन नंबर-1 का प्रमुख, भी सुरक्षाबलों के निशाने पर है। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, कर्रेगट्टा पहाड़ में 1,000 से 2,000 के बीच नक्सली मौजूद हो सकते हैं।
ऑपरेशन का उद्देश्य
इस विशाल अभियान का उद्देश्य न केवल नक्सली नेटवर्क को खत्म करना है, बल्कि इस क्षेत्र में स्थायी सुरक्षा कैंप स्थापित करना भी है। केंद्र सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार ने 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने का संकल्प लिया है, और यह ऑपरेशन उसी दिशा में एक निर्णायक कदम है।
बीजापुर में तीन हेलीपैड्स को हाई अलर्ट पर रखा गया है, और डीजीपी तथा गृहमंत्री विजय शर्मा जल्द ही ऑपरेशन स्थल का दौरा कर सकते हैं। यह ऑपरेशन देश की सुरक्षा और स्थायित्व के लिए एक ऐतिहासिक प्रयास है। विषम परिस्थितियों में अपने प्राणों की बाजी लगाकर राष्ट्र की रक्षा कर रहे वीर जवानों के साहस को नमन। जनता से भी अपील है कि सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना पुलिस को दें।