बिलासपुर। Akshay Tritiya 2025 : अक्षय तृतीया का पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस विशेष अवसर पर शहर भर में धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों की धूम रही। परंपराओं के अनुसार इस दिन विवाह, गृह प्रवेश, और नई चीजों की खरीदारी को अत्यंत शुभ माना जाता है। विशेष रूप से सोना और चांदी की खरीदारी को अक्षय फल देने वाला बताया गया है, यही कारण रहा कि बिलासपुर के बाजारों में दिनभर भारी भीड़ देखने को मिली।
अक्षय तृतीया को ‘अबूझ मुहूर्त’ के रूप में जाना जाता है, यानी इस दिन किसी भी शुभ कार्य के लिए पंचांग देखने की आवश्यकता नहीं होती। इसे देवी लक्ष्मी और कुबेर देवता की पूजा का विशेष दिन भी माना जाता है। इस दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है, जिससे पुण्य फल अक्षय बना रहता है।
बिलासपुर में अक्षय तृतीया के अवसर पर कई विवाह समारोह और अन्य मांगलिक कार्यक्रम संपन्न हुए। इसके अतिरिक्त पारंपरिक रूप से गुड्डे-गुड़िया के विवाह का आयोजन भी बच्चों और महिलाओं के बीच आकर्षण का केंद्र रहा। शहर के प्रमुख बाजारों में सुबह से ही लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी, विशेषकर आभूषण की दुकानों पर ग्राहकों की लंबी कतारें देखी गईं। व्यापारी वर्ग के अनुसार, अक्षय तृतीया पर सोने-चांदी की बिक्री में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई।