देहरादून। Chardham Yatra 2025: उत्तराखंड की पवित्र चारधाम यात्रा आज, 30 अप्रैल से शुरू हो रही है और 6 नवंबर 2025 तक चलेगी। अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर गंगोत्री धाम के कपाट सुबह 10:30 बजे और यमुनोत्री धाम के कपाट 11:50 बजे खुलेंगे। केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को सुबह 7 बजे और बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खोले जाएंगे।
उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के अनुसार, अब तक 20 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया है, और पंजीकरण प्रक्रिया ऑनलाइन (https://registrationandtouristcare.uk.gov.in) तथा ऑफलाइन काउंटरों (हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून) पर जारी है। इस बार 60% पंजीकरण ऑनलाइन और 40% ऑफलाइन किए जा रहे हैं।
रिकॉर्ड तोड़ भीड़ की उम्मीद
पिछले साल 2024 में 50 लाख श्रद्धालु चारधाम यात्रा में शामिल हुए थे। इस बार और अधिक भीड़ की संभावना को देखते हुए धामी सरकार ने व्यापक तैयारियाँ की हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यात्रा मार्गों पर सीसीटीवी कैमरे, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, और पुलिस की तैनाती के निर्देश दिए हैं। 739 किमी लंबे यात्रा मार्ग की मरम्मत और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में विशेष कार्य 25 अप्रैल तक पूरे किए गए।
हरित यात्रा पर जोर
इस बार यात्रा को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध और स्वच्छता अभियान शुरू किए गए हैं। श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे कचरा न फैलाएँ और पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करें।
चारधाम कैसे जाएँ?
चारधाम यात्रा हरिद्वार, ऋषिकेश, या देहरादून से शुरू होती है। यात्रा के दो प्रमुख तरीके हैं:
1 सड़क मार्ग:
◦रेलवे स्टेशन: हरिद्वार सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है, जो दिल्ली और अन्य शहरों से अच्छी तरह जुड़ा है।
◦बस/टैक्सी: हरिद्वार, ऋषिकेश, और देहरादून से यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, और बद्रीनाथ के लिए राज्य परिवहन और निजी बसें/टैक्सियाँ उपलब्ध हैं।
◦यात्रा मार्ग: हरिद्वार → ऋषिकेश → बरकोट → यमुनोत्री → उत्तरकाशी → गंगोत्री → गुप्तकाशी → केदारनाथ → जोशीमठ → बद्रीनाथ → हरिद्वार।
◦ध्यान दें: यमुनोत्री (6 किमी ट्रेक) और केदारनाथ (16 किमी ट्रेक) के लिए पैदल यात्रा आवश्यक है। घोड़े या डोली की सुविधा उपलब्ध है।
2 हेलीकॉप्टर सेवा:
◦देहरादून (सहस्त्रधारा हेलीपैड) से यमुनोत्री (खरसाली), गंगोत्री (हरसिल), केदारनाथ, और बद्रीनाथ के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएँ उपलब्ध हैं।
◦बुकिंग: आधिकारिक वेबसाइट (https://heliyatra.irctc.co.in) पर करें। 2 मई से 31 मई तक की बुकिंग फुल हो चुकी है।
◦सलाह: हेलीकॉप्टर टिकट पहले बुक करें, क्योंकि मौके पर उपलब्धता कम होती है।
Chardham Yatra 2025 : यात्रा की तैयारियाँ क्या करें?
1 पंजीकरण:
◦अनिवार्य पंजीकरण आधार कार्ड के साथ करें। ऑनलाइन पंजीकरण 20 मार्च से शुरू हो चुके हैं। ऑफलाइन काउंटर हरिद्वार (20), ऋषिकेश (20), और देहरादून (15) में उपलब्ध हैं।
◦ पंजीकरण के बाद टोकन लेकर समयबद्ध दर्शन करें।
2 स्वास्थ्य जाँच:
◦वरिष्ठ नागरिकों और स्वास्थ्य समस्याओं वाले व्यक्तियों को यात्रा से पहले मेडिकल जाँच करानी चाहिए। ऊँचाई और ठंड के कारण स्वास्थ्य सावधानी जरूरी है।
3 सामान:
◦गर्म कपड़े, रेनकोट, छतरी, आरामदायक जूते, और आवश्यक दवाएँ साथ रखें।
◦ट्रेकिंग के लिए बैकपैक और पानी की बोतल जरूरी है।
4 सुरक्षा और नियम:
◦यात्रा मार्ग पर गंदगी न फैलाएँ, वाहन की गति नियंत्रित रखें।
◦पहले महीने में वीआईपी दर्शन पर रोक है।
◦अवैध हेलीकॉप्टर टिकट या दर्शन कराने वालों से सावधान रहें।
5 ठहरने की व्यवस्था:
◦सरकार ने यात्रा मार्ग पर 10,000 श्रद्धालुओं के लिए ठहरने और भोजन की व्यवस्था की है। हरिद्वार, ऋषिकेश, उत्तरकाशी, गुप्तकाशी, और जोशीमठ में होटल/गेस्ट हाउस उपलब्ध हैं।
◦ खर्च: सड़क मार्ग से प्रति व्यक्ति खर्च (7-10 दिन) लगभग 15,000-30,000 रुपये और हेलीकॉप्टर से 1.5-2 लाख रुपये हो सकता है।
श्रद्धालुओं में उत्साह
चारधाम यात्रा को हिंदू धर्म में मोक्षदायी माना जाता है। श्रद्धालु माँ गंगा, माँ यमुना, भगवान केदारनाथ, और बद्रीनाथ के दर्शन के लिए उत्साहित हैं। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने ट्वीट किया, “चारधाम यात्रा 2025 में आस्था और प्रकृति का संगम अनुभव करें।”
संपर्क और सलाह
• हेल्पलाइन: 0135-1364, 0135-2559898, 0135-2552627।
•यात्रा से पहले मौसम और मार्ग की स्थिति जाँच लें। भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में सावधानी बरतें।
•सुरक्षित और सुगम यात्रा के लिए प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।
चारधाम यात्रा श्रद्धालुओं को हिमालय की गोद में आध्यात्मिक शांति प्रदान करती है। सरकार और प्रशासन ने इसे सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए सभी इंतजाम किए हैं।