बिलासपुर। CG : न्यायधानी के अपोलो अस्पताल में इलाज के नाम पर हुआ एक गंभीर धोखा अब सामने आ गया है। 2006 में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्व. राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल की इलाज के दौरान संदिग्ध मौत के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव की डिग्री फर्जी पाई गई है। दमोह जेल में बंद आरोपी डॉक्टर को प्रोडक्शन वारंट के तहत बिलासपुर लाया जा रहा है। इस मामले में अब अपोलो अस्पताल प्रबंधन भी पुलिस जांच के घेरे में है.
डॉ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव के खिलाफ थाना सरकंडा में अपराध क्रमांक 563/2025 के तहत हत्या और धोखाधड़ी समेत IPC की कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। जांच में पाया गया कि डॉक्टर की डिग्री न केवल फर्जी थी, बल्कि वह छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल में पंजीकृत भी नहीं था। ऐसे में उसके द्वारा की गई एंजियोप्लास्टी को चिकित्सकीय लापरवाही नहीं, बल्कि क्रूरतम अपराधिक मानव वध माना गया है.
वीओ )विवेचना के दौरान पुलिस ने आरोपी की नियुक्ति अवधि में इलाज किए गए सभी मरीजों को जांच में शामिल किया है। इसी दौरान एक और मरीज स्व. भगतराम डॉ डोडेजा की मौत का मामला भी सामने आया है। अब अपोलो अस्पताल प्रबंधन पर भी शिकंजा कसने की तैयारी है.