नई दिल्ली। New Delhi:राजधानी दिल्ली में आयोजित हो रहे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय चिकित्सा सम्मेलन यूडीएफकॉन 2025 के दौरान वरिष्ठ पत्रकार और ‘द हितवाद’ (रायपुर संस्करण) के समाचार संपादक मुकेश एस. सिंह को डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम सेवा सम्मान अवार्ड से नवाजा जाएगा। यह सम्मान भारत सरकार के श्रम एवं युवा मामलों के केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया के करकमलों से प्रदान किया जाएगा।
तीन दशकों से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय मुकेश एस. सिंह को यह सम्मान उनकी निष्पक्ष, निर्भीक और जनहितकारी पत्रकारिता के लिए दिया जा रहा है। वे इस मंच से सम्मानित होने वाले छत्तीसगढ़ राज्य के एकमात्र पत्रकार होंगे, जो राष्ट्रीय स्तर पर चिकित्सा विषयक सम्मेलन में पत्रकारिता की आवाज़ को प्रतिनिधित्व देंगे।
यूडीएफकॉन 2025 का आयोजन संविधान क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में सुबह 11:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक होगा। इस सम्मेलन का उद्देश्य देश की स्वास्थ्य नीतियों और व्यावहारिक चिकित्सा सेवा के बीच एक सशक्त सेतु का निर्माण करना है। साथ ही ‘तंबाकू मुक्त भारत’ जैसे सामाजिक अभियानों को भी इसमें विशेष स्थान मिलेगा।
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया मुख्य अतिथि होंगे, जबकि विशिष्ट अतिथियों में प्रो. (डॉ.) बी.एन. गंगाधर (अध्यक्ष, राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग – NMC) और प्रो. (डॉ.) बी. श्रीनिवास (डीडीजी, DGHS एवं पूर्व सचिव, NMC) जैसे प्रतिष्ठित नाम शामिल रहेंगे।
अन्य प्रमुख वक्ताओं में डॉ. अरविंद के. ड्रावे, औजेंदर सिंह, डॉ. चारु माथुर, प्रो. (डॉ.) नीमेश देसाई,डॉ. सुनील खत्री और प्रो. (डॉ.) ओमप्रकाश जैसे विशेषज्ञों के शामिल होने की पुष्टि की गई है।
यूडीएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं आयोजन प्रमुख डॉ. लक्ष्य मित्तल ने कहा,
> “मुकेश एस. सिंह जैसे साहसी और सिद्धांतवादी पत्रकार को सम्मानित करना पत्रकारिता की उस परंपरा को प्रणाम करने जैसा है, जो लोकसेवा और पारदर्शिता की मिसाल रही है।”
डॉ. मित्तल ने यह भी कहा कि यूडीएफकॉन 2025 केवल एक सम्मेलन नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, शासन और समाज के बीच संतुलन बनाने वाली आवाज़ों को मंच देने का संकल्प है।
सम्मेलन के दौरान एक **विशेष राष्ट्रीय सम्मान समारोह** का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें देशभर से चयनित चिकित्सक, प्रशासनिक अधिकारी, उद्यमी, शिक्षाविद, पत्रकार और समाजसेवी सम्मानित किए जाएंगे।
मुकेश एस. सिंह का यह चयन इस बात का प्रमाण है कि तथ्यपरक और नैतिक पत्रकारिता आज भी राष्ट्र के नीति-निर्माण और जनचेतना में अहम भूमिका निभा रही है।