जांजगीर-चांपा। CG NEWS : जिले में झोलाछाप डॉक्टरों की बाढ़ के बीच प्रशासन की मिलीभगत और लापरवाही की पोल एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है। दस माह पूर्व अधिकारियों की टीम ने चांपा के गौरव पथ स्थित पटेल हॉस्पिटल एवं सर्जिकल सेंटर को सील किया था, परंतु अब वही क्लिनिक बिना किसी वैध लाइसेंस के फिर से धड़ल्ले से संचालित हो रहा है। यह स्पष्ट रूप से शासन-प्रशासन की नाकामी या फिर संदिग्ध सांठगांठ को दर्शाता है।
जांच के नाम पर महज खानापूर्ति?
25 जुलाई 2024 को तहसीलदार पुलकित साहू, विकासखंड चिकित्सा अधिकारी अजंबर सिंह, पटवारी सुधांशु शांडिल सहित टीम ने उक्त झोलाछाप क्लिनिक पर छापा मारा था। निरीक्षण के दौरान वहां न एमबीबीएस डॉक्टर मिला, न ही लाइसेंस, और न ही योग्य स्टाफ। मरीजों का इलाज डॉक्टर कीर्तन पटेल खुद को एमबीबीएस बताकर करता पाया गया था। बिना किसी मान्यता के अस्पताल में ICU, लैब, एक्स-रे, डिलीवरी रूम तक चल रहे थे।
सीलिंग के बाद भी इलाज जारी—क्यों?
सवाल उठता है कि जब सभी नियमों का उल्लंघन करते हुए क्लिनिक को सील किया गया, तो वह अब किसके आदेश या संरक्षण में पुनः खुल गया? क्या यह कार्रवाई महज दिखावा थी? प्रशासनिक अधिकारियों की जिम्मेदारी थी कि क्लिनिक पर कड़ी निगरानी रखते, लेकिन सब कुछ जैसे जानबूझकर नजरअंदाज किया गया।
शासन की ‘मेहरबानी’ या भ्रष्ट गठजोड़?
जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी इस पूरे मामले को संदिग्ध बना रही है। आम जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले ऐसे फर्जी क्लिनिक पर यदि कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाता, तो यह सीधे तौर पर शासन की विफलता और भ्रष्ट तंत्र का परिचायक होगा।
CMHO का दावा—“अपराध की श्रेणी में आएगा, होगी कार्रवाई”
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी स्वाति वंदना सिसोदिया ने कहा कि बिना वैध दस्तावेज के क्लिनिक का पुनः संचालन अपराध है, और इस पर विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।
(बॉक्स में)
अब सवाल प्रशासन से है—
सीलिंग के बावजूद अस्पताल फिर कैसे खुला?
क्या जांच टीम को अब तक कुछ भी ज्ञात नहीं?
क्या कार्रवाई से पहले फिर किसी ‘शिकायतकर्ता’ की जरूरत है?
जब तक ऐसे झोलाछाप क्लिनिकों पर सख्ती से कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक चांपा की आम जनता की सेहत और जान खतरे में बनी रहेगी। अब जनता जवाब चाहती है—कार्रवाई या सिर्फ दिखावा!