रायपुर। Raipur News: नवा रायपुर में प्रस्तावित होलसेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट को राज्य सरकार ने रद्द कर दिया है। 540 रुपये वर्गफीट की दर से जमीन देने और 100 करोड़ की अधोसंरचना योजना पर फिलहाल ब्रेक लगा दिया गया है।
नवा रायपुर अटल नगर में पूर्ववर्ती सरकार द्वारा प्रस्तावित होलसेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। इस महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत देश का सबसे बड़ा थोक व्यावसायिक केंद्र बनाने का लक्ष्य रखा गया था, जिसके लिए 1083 एकड़ जमीन चिन्हित की गई थी। अब राज्य की नई सरकार ने इस योजना को रद्द कर दिया है और भूखंड आवंटन की प्रक्रिया को भी वापस ले लिया गया है।
भूमि आवंटन का प्रस्ताव भी रद्द
पूर्व सरकार द्वारा तैयार की गई योजना में व्यापारियों को 540 रुपए प्रति वर्गफीट की दर से जमीन देने का प्रस्ताव था, जिसमें राज्य सरकार निर्माण लागत का अतिरिक्त खर्च भी वहन करने वाली थी। लेकिन अब यह प्रस्ताव निरस्त कर दिया गया है। वर्तमान सरकार ने साफ किया है कि नवा रायपुर में भूमि आवंटन केवल नीलामी के माध्यम से किया जाएगा, न कि निर्धारित दरों पर।
नवा रायपुर में प्रस्तावित होलसेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट को राज्य सरकार ने रद्द कर दिया है। 540 रुपये वर्गफीट की दर से जमीन देने और 100 करोड़ की अधोसंरचना योजना पर फिलहाल ब्रेक लगा दिया गया है।
नवा रायपुर अटल नगर में पूर्ववर्ती सरकार द्वारा प्रस्तावित होलसेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। इस महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत देश का सबसे बड़ा थोक व्यावसायिक केंद्र बनाने का लक्ष्य रखा गया था, जिसके लिए 1083 एकड़ जमीन चिन्हित की गई थी। अब राज्य की नई सरकार ने इस योजना को रद्द कर दिया है और भूखंड आवंटन की प्रक्रिया को भी वापस ले लिया गया है।
भूमि आवंटन का प्रस्ताव भी रद्द
पूर्व सरकार द्वारा तैयार की गई योजना में व्यापारियों को 540 रुपए प्रति वर्गफीट की दर से जमीन देने का प्रस्ताव था, जिसमें राज्य सरकार निर्माण लागत का अतिरिक्त खर्च भी वहन करने वाली थी। लेकिन अब यह प्रस्ताव निरस्त कर दिया गया है। वर्तमान सरकार ने साफ किया है कि नवा रायपुर में भूमि आवंटन केवल नीलामी के माध्यम से किया जाएगा, न कि निर्धारित दरों पर।
नया प्रोजेक्ट तैयार करने की दिशा में पहल
राज्य सरकार अब नवा रायपुर में नवीन होलसेल कॉरिडोर योजना तैयार करने की दिशा में काम कर रही है। सरकार का उद्देश्य है कि बसाहट, निवेश और वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने वाली योजना को नए प्रारूप में लागू किया जाए, जिससे पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित हो सके।