गरियाबंद। अगर दृढ़ निश्चय हो, तो कोई बाधा रास्ता नहीं रोक सकती। इस बात को सच कर दिखाया गरियाबंद जिले के ग्राम हसदा की नवविवाहिता बहु भूमिका साहू ने। शादी के तुरंत बाद, वह अपने लाल जोड़े में ही गुरुकुल कॉलेज परीक्षा केंद्र पहुंचीं और बीएड की प्रैक्टिकल परीक्षा दी। उनके इस साहसिक कदम ने शिक्षा के प्रति समर्पण की अनोखी मिसाल पेश की है।
फिंगेश्वर विकासखण्ड के ग्राम पीपरछेड़ी की रहने वाली भूमिका की शादी शनिवार को ग्राम हसदा के टोकेश्वर साहू से संपन्न हुई थी। रस्मों के बाद जब उन्हें याद आया कि बीएड की प्रैक्टिकल परीक्षा उसी दिन है, तो उन्होंने परिवार से बात की और विदाई के तुरंत बाद कॉलेज पहुंचने का फैसला लिया। खास बात यह रही कि परिवार के सभी सदस्य, खासकर ससुराल पक्ष ने उनका पूरा साथ दिया। उनके पति टोकेश्वर साहू, फूफा चंद्रशेखर साहू, बुआ चंद्ररेखा साहू, बहन चंपेश्वरी साहू भी उनके साथ परीक्षा केंद्र तक साथ आए थे।कॉलेज में जब वह लहंगे में पहुंचीं, तो वहां मौजूद सभी लोग उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति से प्रभावित हुए। परीक्षा केंद्र के शिक्षकों और छात्रों ने उनके समर्पण की प्रशंसा की। भूमिका की सराहना करते हुए कहा की यह आज की नारी शक्ति की सच्ची तस्वीर है।
भूमिका साहू ने कहा, मेरे लिए शिक्षा पहली प्राथमिकता है। शादी जिंदगी का अहम हिस्सा है, लेकिन पढ़ाई छोड़ना मेरे लिए विकल्प नहीं था। मुझे खुशी है कि मेरे परिवार ने मेरा साथ दिया और मेरा हौसला बढ़ाया। वहीं उनके पति टोकेश्वर साहू ने कहा कि हम शिक्षक परिवार से है। शादी के साथ ही शिक्षा के महत्व को भी समझते है। इसलिए भूमिका का साथ देते उन्हे परीक्षा दिलाने पहुंचे है। वहीं उनके परिजनों ने कहा की भूमिका और टोकेश्वर ने दोनो परिवार का मान बढ़ाया है। उनका कार्य सराहना है।
गुरुकुल कालेज के प्रबंधन प्रमुख धमेंद्र ओझा ने बताया की शादी के ठीक बाद परीक्षा केंद्र जाना किसी आम बात की तरह नहीं होता, लेकिन इस बहादुर महिला ने यह कर दिखाया। कालेज प्रबंधन ने उनके इस प्रेरणादायक निर्णय का समर्थन किया और पूरा साथ दिया। भूमिका साहू ने समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता की नई मिशाल दी है।
दोनो शिक्षक परिवार
जानकारी के मुताबिक भूमिका ओर टोकेश्वर दोनों शिक्षक परिवार से है। भूमिका के पिता विष्णु राम साहू पेशे से शिक्षक ही है। वह
रावण मिडिल स्कूल में पदस्थ है। वहीं टोकेश्वर के पिता दानी राम साहू भी शिक्षक है। वर्तमान में वे करेली मिडिल स्कूल में प्रधान पाठक है। वहीं उनके साथ आए फूफा चंद्रशेखर साहू भी शिक्षक और वर्तमान में प्रधान पाठक के रूप में कार्य कर रहे है।
उल्लेखनीय है की भूमिका की यह कार्य गरियाबंद जिले के लिए बल्कि पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणादायक है। यह दर्शाता है कि अगर परिवार और समाज बेटियों का साथ दे, तो वे हर क्षेत्र में आगे बढ़ सकती हैं।