रिसगांव (छत्तीसगढ़), 12 मई 2025: उदंती सीतानदी टाइगर रिज़र्व के रिसगांव (कोर) परिक्षेत्र की मासुलखोई बीट में रविवार सुबह एक दुखद घटना सामने आई, जब एक तेंदुए ने खेत की लाडी में सो रहे 55 वर्षीय ग्रामीण रंजीत नेताम पर हमला कर दिया। हमले में रंजीत के चेहरे पर चोटें आईं। घटना सुबह करीब 11:30 बजे की है, जब तेंदुआ हमले के बाद लाडी में ही बैठ गया। पेट्रोलिंग श्रमिकों और ग्रामीणों ने तेंदुए के घायल और अस्वस्थ होने की सूचना वन विभाग के उपनिदेशक को दी।
तत्काल उपचार और रेस्क्यू ऑपरेशन
रंजीत नेताम को वनरक्षक भोजराज नेताम के साथ शासकीय वाहन से तुरंत नगरी चिकित्सा केंद्र ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। तेंदुए के रेस्क्यू के लिए वन विभाग ने त्वरित कार्रवाई की। जंगल सफारी के पशु चिकित्सक डॉ. जय किशोर जडिया, उपनिदेशक वरुण जैन, सहायक संचालक उदंती गोपाल कश्यप, रेंजर शैलेश बघेल, चन्द्रबली ध्रुव, सुशील सागर, ड्रोन पायलट सुधांशु वर्मा, राकेश मार्कंडेय, राजेंद्र सिन्हा सहित 15 कर्मचारियों की टीम मौके पर पहुंची।
रेस्क्यू के दौरान ड्रोन से तेंदुए की स्थिति का जायजा लिया गया, जिसमें उसकी गर्दन के पीछे घाव दिखाई दिया। तेंदुआ चलने में असमर्थ था, जिसे रेस्क्यू वाहन में रखा गया, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। विशेष रूप से, इस ऑपरेशन के दौरान सहायक संचालक सीतानदी एम. आर. साहू की अनुपस्थिति चर्चा का विषय रही।
शव परीक्षण में खुलासा: आपसी संघर्ष की आशंका
मृत तेंदुए के प्रारंभिक शव परीक्षण में उसकी पीठ पर 5-7 दिन पुराना 2 इंच का घाव और किसी जंगली जानवर, संभवतः दूसरे तेंदुए, के दांतों के निशान पाए गए। वन अधिकारियों ने अनुमान लगाया कि यह घाव क्षेत्रीय वर्चस्व (टेरिटरी) के लिए आपसी संघर्ष का परिणाम हो सकता है। मृत नर तेंदुए की उम्र लगभग 4 वर्ष आंकी गई है। तेंदुए की मौत के सटीक कारणों का पता लगाने के लिए सोमवार सुबह विस्तृत शव विच्छेदन किया जाएगा।
मानव-वन्यप्राणी द्वंद्व में कमी के प्रयास
उदंती सीतानदी टाइगर रिज़र्व में वन्यप्राणियों के सुरक्षित आवास और पीने के पानी के लिए झिरिया और तालाबों की व्यवस्था की गई है, जिसके परिणामस्वरूप पिछले दो वर्षों में मानव-वन्यप्राणी द्वंद्व में कमी देखी गई है। ग्रामीणों को जंगली जानवरों और सर्पदंश से बचाव के लिए अलर्ट ऐप और मुनादी के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है।
वन विभाग की प्रतिक्रिया
उपनिदेशक वरुण जैन ने बताया, “यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। रंजीत नेताम को तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई, और तेंदुए के रेस्क्यू के लिए पूरी कोशिश की गई। शव विच्छेदन के बाद तेंदुए की मौत के कारणों का पता चलेगा। हम ग्रामीणों की सुरक्षा और वन्यप्राणियों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
सोशल मीडिया पर चर्चा
सोशल मीडिया पर इस घटना ने लोगों का ध्यान खींचा है। एक यूजर ने लिखा, “तेंदुओं के बीच आपसी संघर्ष और मानव-वन्यप्राणी टकराव चिंता का विषय है। वन विभाग को और सख्त कदम उठाने चाहिए।” वहीं, कुछ ने रेस्क्यू ऑपरेशन की तारीफ करते हुए ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए और जागरूकता की मांग की।
निष्कर्ष
यह घटना मानव-वन्यप्राणी द्वंद्व और तेंदुओं के बीच क्षेत्रीय संघर्ष की चुनौतियों को रेखांकित करती है। उदंती सीतानदी टाइगर रिज़र्व में वन विभाग के प्रयासों के बावजूद, ऐसी घटनाएं वन्यजीव संरक्षण और मानव सुरक्षा के बीच संतुलन की जरूरत को उजागर करती हैं। तेंदुए की मौत के सटीक कारणों का खुलासा शव विच्छेदन के बाद ही हो सकेगा।
नोट: यह समाचार लेख प्रदान की गई जानकारी और वन्यजीव संघर्ष से संबंधित हाल की घटनाओं के आधार पर तैयार किया गया है।
उदंती सीतानदी टाइगर रिज़र्व में तेंदुए का हमला, ग्रामीण घायल, रेस्क्यू के दौरान तेंदुए की मौत
