गरियाबंद, 13 मई 2025 — जिला शिक्षा अधिकारी ने जिले के सभी निजी विद्यालयों को निर्देशित किया है कि वे निर्धारित नियमों और शर्तों का कड़ाई से पालन करें। नियमों का उल्लंघन करने वाले विद्यालयों के खिलाफ शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य निर्देश:
• विद्यालय के मुख्य द्वार पर मान्यता प्राप्त बोर्ड का नाम स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना अनिवार्य है।
• छत्तीसगढ़ बोर्ड से मान्यता प्राप्त विद्यालयों को केवल राज्य सरकार द्वारा निर्धारित पाठ्यपुस्तकों का ही उपयोग करना होगा। सीबीएसई से संबद्ध विद्यालयों को एनसीईआरटी की पुस्तकों का ही पठन-पाठन करना अनिवार्य है।
• विद्यालयों को छात्रों के लिए बेल्ट, टाई, बैग, यूनिफॉर्म, जूते, नोटबुक आदि की बिक्री नहीं करनी है, न ही किसी विशेष दुकान से खरीदने के लिए अभिभावकों पर दबाव डालना है। 
• यदि विद्यालय परिवहन सुविधा प्रदान करते हैं, तो उन्हें ‘न लाभ न हानि’ के सिद्धांत पर संचालित करना होगा।
• सत्र के अंत में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा आयोजित केंद्रीकृत परीक्षा में भाग लेना अनिवार्य है।
• प्रत्येक निजी विद्यालय को सत्र प्रारंभ में अपने नोडल प्राचार्य के माध्यम से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
जिला शिक्षा अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि इन निर्देशों का उल्लंघन करने वाले विद्यालयों के खिलाफ शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधानों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें विद्यालय की मान्यता रद्द करना भी शामिल है।
यह कदम अभिभावकों और छात्रों के हितों की रक्षा के लिए उठाया गया है, ताकि शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सके।