राजनांदगांव।CGNEWS:चिटफंड कम्पनी सत्गुरू सांई सिविल कंट्रक्शन लिमिटेड के खिलाफ शिकायत लेकर आज मोहला- मानपुर – अंबागढ़ चौकी, बालोद, राजनांदगांव सहित अन्य जिलों से निवेदक राजगांदगांव कोतवाली थाने पहुंचे और कंपनी के डायरेक्टरों द्वारा गुपचुप तरीके से जमीन बेचे जाने को लेकर शिकायत की। वही मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर जमीन बिक्री पर रोक लगाने और निवेशकों के पैसे लौटाने की मांग की।
शहर के शक्तिनगर क्षेत्र में वर्ष 2011 से वर्ष 2016 के बीच संचालित चिटफंड कंपनी सद्गुरु साई सिविल कंस्ट्रक्शन में हजारों निवेशकों ने अपनी गाढ़ी कमाई लगाई है और करोड़ों रुपए उक्त कंपनी में फंसे हुए हैं । बड़ी संख्या में पहुंचे इस कंपनी के निवेशकों ने कहा कि लगभग 5000 निवेशकों से करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की गया है।
बालोद जिले से पहुंचे कुलेश्वर साहू और मानपुर -मोहला-चौकी जिले से पहुंचे गेंदालाल साहू ने कहा कि वह सात – आठ वर्षो से अपने रुपए वापस लेने के लिए चक्कर लगा रहे हैं । उन्होंने कहा कि अब तक उनके रुपए वापस नहीं हुए हैं । वहीं कंपनी के नाम पर कांकेतरा में 16 -17 एकड़ जमीन को छलपूर्वक बेचा जा रहा है । वही सिंघोला में भी कम्पनी के डायरेक्टर के नाम पर जमीन है जिसे भी बेचने की तैयारी है। उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर जमीन बिक्री पर रोक लगाने की मांग की है।
निवेशकों ने अपने ज्ञापन में कहा है कि कंपनी के मालिक टेककिशोर साहू, मानसिंग टेकाम और डामन लाल साहू ने राजनांदगांव के शक्ति नगर में हेड आफिस खोलकर व्यवसाय प्रारंभ किया और लगभग 5 हजार लोगों का पैसा नहीं दिया है । इनके द्वारा 2 अगस्त 2016 को आफिस बंद कर दिया गया । जिसके पश्चात् प्रशासन व शासन स्तर पर भी इसकी सूचना दी गयी किन्तु कोई कार्रवाई नहीं हुई। सतगुरू सांई सिविल कन्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड के द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के व्यक्तियों से पैसे के बदले प्लाट देने नहीं तो 5 साल में डबल रुपये दिये जाने का झांसा देकर नगद राशि ली गई और एक रजिस्ट्रेशन लेटर निवेशको दिया जाता था। कंपनी के द्वारा झांसा देने के लिए सिघोला, कांकेतरा, मानपुर, डोंगरगांव, राजनांदगांव, गुंगेरी नवागांव, बैहर, गठुला, रेवाडीह जैसे अनेक स्थानों में भूमि क्रय किया गया । मगर पैसा प्राप्त करने के बाद निवेशकों को न पैसा वापस किया गया और न ही जमीन दी गई।
CGNEWS: चिटफंड कंपनी द्वारा बेची जा रही जमीन, निवेशकों ने की रोक लगाने की मांग
