Chhattisgarh Naxal Encounter : छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों द्वारा,केंद्रीय गृह मंत्री के निर्देशन में, ज्वाईंट एक्शन प्लान के अंतर्गत माओवाद विरोधी अभियान का संचालन किया जा रहा है। माओवाद विरोधी अभियान के मुख्य आयाम हैं- सुरक्षाबलों द्वारा नवीन सुरक्षा कैम्पों की स्थापना कर सुरक्षा विहिन क्षेत्रों को भरना, माओवाद प्रभावित जिलों में राज्य की विकास योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन करना ताकि क्षेत्र का सर्वांगीण विकास हो एवं नागरिकों को इसका लाभ मिल सके तथा सुरक्षा बलों द्वारा माओवादियों के आर्म्ड काडर्स एवं उनके सम्पूर्ण ईको सिस्टम के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही करना है। इस एक्शन प्लान के क्रियान्वयन के फलस्वरूप सुरक्षा बलों ने माओवादियों के आर्म्ड काडर्स एवं इको सिस्टम को भारी क्षति पहुंचाई है, जिससे माओवादियों के प्रभाव क्षेत्र में काफी कमी आयी है।
माओवादियों के सबसे मजबूत सषस्त्र संगठन पीएलजीए बटालियन, सीआरसी कंपनी एवं तेलंगाना स्टेट कमेटी सहित अनेक शीर्ष काडर्स की शरणस्थली जिला सुकमा एवं बीजापुर के सीमावर्ती क्षेत्रों में थी। उक्त क्षेत्र में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सुरक्षा बलों द्वारा अनेक नवीन सुरक्षा कैम्पों की स्थापना की जाकर आसूचना आधारित अभियानों का संचालन किया जा रहा हैं। सुरक्षा बलों का वर्चस्व बढ़ने के फलस्वरूप माओवादियों द्वारा यूनिफाईड कमाण्ड का गठन किया गया एवं उक्त स्थान से पलायन कर जिला बीजापुर, छत्तीसगढ़ एवं जिला मुलुगू, तेलंगाना की सीमा पर माओवादियों द्वारा अभेद्य समझे जाने वाले करेगुट्टालू पहाड़ पर शरण ली गई।
करेगुट्टालू पहाड़ी लगभग 60 किमी लम्बा एवं 5 किमी से लेकर 20 किमी चौड़ा अत्यन्त दुष्कर पहाड़ी क्षेत्र है। उक्त पहाड़ी की भौगोलिक परिस्थिति काफी कठिन एवं चुनौतीपूर्ण है। माओवादियों द्वारा विगत् ढ़ाई वर्ष में शनैः-षनैः उक्त पहाड़ी में अपना बेस तैयार किया, जिसमें उनके लगभग 300-350 आर्म्ड काडर्स सहित पीएलजीए बटालियन की टेक्निकल डिपार्टमेन्ट (टीडी) यूनिट एवं अन्य महत्वपूर्ण संगठनों की शरणस्थली थी।
प्राप्त आसूचनाओं के आधार पर पूर्ण एवं पुख्ता ऑपरेशनल योजना तैयार की जाकर छत्तीसगढ़ पुलिस एवं केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल द्वारा दिनांक 21.04.2025 से एक वृहद् ज्वाईंट ऑपरेषन संचालित किया गया। यह अभियान अब तक का सबसे बड़ा एवं व्यापक माओवाद विरोधी अभियान है तथा राज्य एवं केन्द्र की विभिन्न एजेंसियॉ का मिलकर काम करने का एक उत्कृष्ट नमूना है। इस अभियान का उद्देष्य माओवादियों की सशस्त्र क्षमता को क्षीर्ण करना, हथियारबंद दस्तों को न्यूट्रलाईज करना, इस दुर्गम इलाकों से माओवादियों को हटाना और माओवादियों के दुर्दान्त संगठन पीएलजीए बटालियन को क्षिन्न-भिन्न करना था।
उक्त माओवाद विरोधी अभियानों में दिनांक 21.04.2025 से 11.05.2025 के दौरान कुल 21 मुठभेड़ों में 16 वर्दीधारी महिला माओवादी समेत कुल 31 वर्दीधारी माओवादियों के शव और 35 हथियार बरामद किए गए हैं। प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि मुठभेड़ स्थल से बरामद शव प्रतिबंधित और अवैध सीपीआई माओवादी संगठन अंतर्गत पीएलजीए बटालियन नंबर 01, तेलंगाना राज्य समिति, दंडकारण्य विशेष जोनल समिति के माओवादी काडर्स हैं। शवों की विस्तृत पहचान प्रक्रिया जारी है।
21 दिनों तक चले अभियान में 31 नक्सली ढेर, सभी के शव बरामद
लगातार 21 दिनों तक चलने वाले इस ऐतिहासिक माओवाद विरोधी अभियान के दौरान प्राप्त सभी तथ्यों और जानकारियों पर विचार करने के पश्चात् अनुमान है कि अभियान के दौरान कई वरिष्ठ स्तर के माओवादी काडर्स या तो मारे गए हैं अथवा गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हालांकि, कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण सुरक्षा बल सभी घायल अथवा मारे गए माओवादियों के शव बरामद नहीं कर पाए। अब तक इस अभियान के दौरान कुल 31 माओवादियों के शव बरामद किए जा सके हैं, जिनमें से 03 शव दिनांक 24 अप्रैल, 01 शव दिनांक 05 मई को, 22 शव दिनांक 07 मई को, तथा 05 शव दिनांक 08 मई को बरामद किए गए है। इस अभियान में अब तक कुल 216 माओवादी ठिकाने और बंकर नष्ट किए गए। उपरोक्त माओवादी ठिकाने और बंकर से तलाशी अभियानों के दौरान कुल 450 नग आईईडी, 818 नग बीजीएल शेल, 899 बंडल कार्डेक्स, डेटोनेटर एवं भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्रियाँ बरामद किए गए हैं।
बीजापुर-तेलंगाना सीमावर्ती क्षेत्र पुलिस मओवादी मुठभेड़ में मारे गये माओवादी पदवार शिनाख्त
सुरक्षा बलों ने माओवादियों की 04 तकनीकी इकाइयों को नष्ट किया है, जिनका उपयोग बीजीएल शेल, देषी हथियार, आईईडी और अन्य घातक हथियारों के निर्माण के लिए किया जा रहा था। इन तकनीकी इकाइयों के ठिकानों से 04 लेथ मशीनें भी बरामद कर नष्ट की गई। अभियान के दौरान विभिन्न माओवादी ठिकानों और बंकरों से बड़ी मात्रा में राशन सामग्री, दवाएं एवं दैनिक उपयोग की वस्तुएं भी बरामद किए गए।
विगत 21 दिनों के इस महत्वपूर्ण अभियान के दौरान विभिन्न आईईडी विस्फोटों में कोबरा, एसटीएफ और डीआरजी के कुल 18 जवान घायल हुए। हालांकि सभी घायल जवान अब खतरे से बाहर हैं और उन्हें विभिन्न अस्पतालों में सर्वोत्तम उपचार प्रदान किया जा रहा है। करेगुट्टालू पहाड़ी के ऊपर की परिस्थितियाँ काफी विपरीत है, दिन के समय तापमान 45 डिग्री सेंटीग्रेट से अधिक होने से अनेक जवान डिहाईड्रेशन के शिकार हुए परन्तु उसके उपरान्त भी उनके द्वारा ऊॅचे मनोबल के साथ माओवादियों के विरूद्ध उक्त अभियान जारी रखा गया।
2025 में 174 हार्डकोर नक्सली ढेर
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2024 में माओवाद विरोधी अभियान में प्राप्त बढ़त को आगे बरकरार रखते हुये वर्ष 2025 में भी राज्य अंतर्गत सुरक्षा बलों द्वारा संचालित आक्रामक माओवाद विरोध अभियानों के परिणाम स्वरूप विगत 04 महीने में राज्य अंतर्गत कुल 174 हार्डकोर माओवादियों के शव बरामद किये गये। माओवादियों के विरूद्ध इस वृहद एवं व्यापक अभियान के दूरगामी परिणाम देखे जा रहे है। माओवादी की बड़ी एवं सशस्त्र इकाईयॉ छोटे-छोटे इकाईयों में विभक्त हो गए है। सुरक्षा बलों का उक्त क्षेत्र में पकड़ मजबूत हुआ है, साथ ही अन्य सुरक्षा विहिन क्षेत्र जिला बीजापुर अंतर्गत नेशनल पार्क एवं जिला नारायणपुर अंतर्गत माड़ क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहे है। भविष्य में भी माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में आमजनों का विष्वास अर्जित करने एवं क्षेत्र के विकास के साथ ही माओवादियों के समय-सीमा में समूल उन्मूलन हेतु आक्रामक कार्यवाही जारी रखी जाएगी।