गरियाबंद, 15 मई 2025।
जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के क्रियान्वयन को लेकर कलेक्टर बी.एस. उइके सख्त रुख अपनाए हुए हैं। योजनांतर्गत स्वीकृत आवासों के निर्माण में गति लाने तथा हितग्राहियों को समय पर लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से वे लगातार जिले के विभिन्न विकासखण्डों में मैदानी स्तर की बैठकें लेकर समीक्षा कर रहे हैं।
इसी क्रम में बुधवार को मैनपुर विकासखण्ड के सामुदायिक भवन में आयोजित बैठक में कलेक्टर ने ग्राम पंचायत सचिव, रोजगार सहायक एवं आवास मित्रों के साथ योजना की गहन समीक्षा की। बैठक के दौरान पीएम आवास योजना में अत्यंत धीमी प्रगति और कई कार्यों के अपूर्ण रहने पर कलेक्टर ने गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने 34 ग्राम पंचायत सचिवों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। जिन पंचायतों के सचिवों को नोटिस जारी किया गया है, उनमें कुहीमाल, घुमरापदर, खोखमा, शोभा, भूतबेड़ा, सरनाबहाल, भेजीपदर, कोयबा, जांगड़ा, मुड़ागांव सहित कुल 34 पंचायतें शामिल हैं।
कलेक्टर श्री उइके ने स्पष्ट शब्दों में कहा,
“प्रधानमंत्री आवास योजना केंद्र सरकार की फ्लैगशिप योजना है, जो गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए सम्मानजनक आवास उपलब्ध कराने हेतु चलाई जा रही है। इस योजना में किसी भी प्रकार की लापरवाही या स्वेच्छाचारिता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
उन्होंने पंचायतवार स्वीकृत, प्रगतिरत, अप्रारंभ और पूर्ण आवासों की जानकारी लेकर कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। साथ ही यह भी कहा कि सभी कार्यों की जिओ टैगिंग समय पर पूर्ण की जाए तथा हितग्राहियों को किस्तों के अनुसार भुगतान सुनिश्चित हो।
बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री जीआर मरकाम, अपर कलेक्टर श्री नवीन भगत, एसडीएम श्री पंकज डाहिरे, जनपद सीईओ सुश्री श्वेता वर्मा सहित संबंधित विभागों के तकनीकी सहायक, सचिव, रोजगार सहायक एवं आवास मित्र उपस्थित रहे।
बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि मैनपुर ब्लॉक अंतर्गत वर्ष 2024-25 में कुल 11,033 आवास स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से केवल 1,277 आवास ही पूर्ण हो पाए हैं। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि शेष प्रगतिरत कार्यों को शीघ्र पूर्ण किया जाए।
उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि,
“पीएम आवास योजना के नाम पर यदि किसी भी प्रकार की अवैध वसूली की शिकायत सामने आई तो संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों पर कठोर कार्यवाही की जाएगी। यह योजना गरीबों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए है, इसे किसी भी कीमत पर भ्रष्टाचार या लापरवाही की भेंट नहीं चढ़ने दिया जाएगा।”
कलेक्टर ने अंत में सभी जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों से कहा कि वे पूरी सक्रियता और जवाबदेही के साथ कार्य करें, ताकि योजना का लाभ पात्र हितग्राहियों को समय पर और पूरी पारदर्शिता के साथ मिल सके।