रायपुर। RAIPUR NEWS : राजधानी रायपुर स्थित शदाणी दरबार में ज्ञानवर्धन शिविर का आयोजन किया गया है। यह शिविर 11 से 25 मई तक चल रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में बच्चे भाग ले रहे हैं और ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं। यह शिविर अपने 16वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है और प्रतिवर्ष विद्यार्थियों को शिक्षाप्रद अनुभव प्रदान करता है।
रायपुर स्थित शदाणी दरबार में वर्तमान समय की सामाजिक परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए 16वां ज्ञानवर्धन शिविर आयोजित किया गया है। आज जहां लोग धीरे-धीरे लोक संस्कार, पूजा-पाठ, नैतिकता और परंपराओं को भूलते जा रहे हैं, वहीं इस शिविर का उद्देश्य बच्चों में नैतिक शिक्षा, भाषा, कला, आचार-विचार और सांस्कृतिक मूल्यों का संचार करना है। यह शिविर 11 मई से 25 मई तक आयोजित किया जा रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में बच्चे भाग ले रहे हैं। शिविर में उन्हें भारतीय संस्कृति, व्यवहार, बड़ों का सम्मान, और सामाजिक सहयोग जैसे महत्वपूर्ण विषयों की शिक्षा दी जा रही है। शिविर के मुख्य अतिथि ग्रैंड न्यूज़ के चेयरमैन गुरचरण होरा, सिंधी काउंसिल ऑफ इंडिया के छत्तीसगढ़ रीजन के अध्यक्ष ललित जैसिंघ, बीजेपी के मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी और डॉ. संत युधिष्ठिर लाल थे।
इस अवसर पर चेयरमैन गुरचरण होरा ने कहा कि, “बच्चों को हमेशा अपने माता-पिता की बात माननी चाहिए और संस्कारों को कभी नहीं भूलना चाहिए। हमें एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए और बड़ों का सम्मान करना चाहिए। यही हमारे समाज की पहचान है।” साथ ही गुरु चरण होरा यूनियन क्लब में बने स्विमिंग कूल हर दिन बच्चों के मजे के लिए दो घंटा निशुल्क करने की बात कही। श्री होरा ने आगे कहा कि आधुनिकता के इस दौर में बच्चे मोबाइल में इतना व्यस्त होते जा रहे हैं कि हमारे धर्म, संस्कृति, सभ्यता, रीति रिवाज, संस्कार, अनुष्ठान, तीज-त्योहार के अर्थ से अनभिज्ञ हो गए हैं. इन्हीं सब चीजों का ज्ञान बच्चों को देने के लिए शदाणी दरबार में यह अनोखी पहल की है। 25 मई तक आयोजित शिविर में बच्चों को धार्मिक, सांस्कृतिक एवं नैतिक शिक्षा दी जा रही है। जिसमें बच्चों को बढ़चढकर भाग लेना चाहिए।
सिंधी काउंसिल ऑफ इंडिया के छत्तीसगढ़ रीजन के अध्यक्ष ललित जैसिंघ ने कहा कि व्यक्ति के आचार – विचार, व्यवहार हम सभी को प्रभावित करते हैं और इनसे ही व्यक्ति के बारे में लोगों के बीच लोगों का नजरिया निर्धारित किया जाता है। पूज्य शदाणी दरबार तीर्थ में भारतीय संस्कृति, संस्कारों और सभ्यता के विषय पर आयोजित समर कैंप में बच्चों को यह सभी ज्ञान की बातें बताई जा रही है, जो सदा उनके साथ रहेगी।
वहीं, अमित चिमनानी और डॉ. युधिष्ठिर लाल ने बच्चों से अपील की कि वे इस शिविर में बढ़-चढ़कर भाग लें और हमारी सांस्कृतिक विरासत को समझें। उन्होंने यह भी बताया कि शिविर के अब भी आठ दिन शेष हैं और रायपुर के अधिक से अधिक बच्चों को इससे जुड़ना चाहिए।