*छत्तीसगढ़ में यूरेशियन ओटर की रिकॉर्डिंग उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में*
गरियाबंद/ 19.05.2025/
जीवों के फूड चेन में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले यूरेशियन ऊदबिलाव ( यूरेशियन ओटर) की रिकॉर्डिंग छत्तीसगढ़ के उदंती सीतानदी टाइगर पार्क में पहली रिकॉर्डिंग कैमरा ट्रैप के माध्यम से किए जाने में सफलता प्राप्त हुई है। छत्तीसगढ़ फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के पीसीसीएफ (वाइल्ड लाइफ) सुधीर अग्रवाल की अनुमति, छत्तीसगढ़ जैव विविधता बोर्ड के मेंबर सेक्रेटरी राजेश चंदेले एवं पीसीसीएफ अरुण पाण्डेय (विकास / योजना) के सहयोग एवं मार्गदर्शन तथा उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के निदेशक वरुण जैन के साथ रहकर गाइडेंस से ऊदबिलाव के रहवास और संरक्षण पर अध्ययन कर रहे स्वयंसेवी संगठन छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा को यह सफलता प्राप्त हुई है। ज्ञात हो कि पिछले 3 वर्षों से विज्ञान सभा, छत्तीसगढ़ जैव विविधता बोर्ड के ओटर अध्ययन प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। इस से पूर्व मरवाही और कोरबा मे भी उक्त जीव की रिकॉर्डिंग विज्ञान सभा द्वारा रिकॉर्ड की गयी है और इसके संरक्षण हेतु जन जाग़रूकता कार्यक्रम किये जा रहे है
छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा की टीम ने उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर, डीएफओ वरुण जैन के मार्गदर्शन में रिजर्व क्षेत्र में कैमरा ट्रैप लगाए और सफलतापूर्वक ओटर की रिकॉर्डिंग की। इस महत्वपूर्ण कार्य में वन विभाग का सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। वन विभाग के महत्वपूर्ण सहयोग के बिना यह कार्य असंभव था। उनकी सक्रिय भागीदारी और समर्थन ने इस परियोजना को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विशेष रूप से डीएफओ वरुण जैन और उनकी टीम के सदस्यों द्वारा बाघों के साथ साथ ऊदबिलाव और अन्य वन्यजीवों के संरक्षण के लिए बहुत अच्छा काम किया जा रहा है। उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में उदबीलाओ ( यूरेशियन ओटर) के सर्वेक्षण के लिए छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा की टीम में ज़ूलॉजिस्ट एवं प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर निधि सिंह के साथसाथ बॉटनिस्ट दिनेश कुमार, जनविज्ञानी विश्वास मेश्राम, एनवायरनमेंट साइंटिस्ट डॉ वाय के सोना, प्राचार्य फ्रैंक अगस्टिन नंद, पक्षी विज्ञानी सर्वज्ञा सिंह और सुमित सिंह शामिल रहे जबकि वन विभाग से डीएफओ वरुण जैन के साथ साथ एसीएफ जगदीश दर्रो एवं राजेंद्र सोरी, रेंज ऑफिसर श्री ठाकुर, उप वन परिक्षेत्र अधिकारी श्री नाग का उल्लेखनीय योगदान रहा है। इस उपलब्धि के बारे में डीएफओ वरुण जैन ने बताया कि प्राकृतिक रहवास में उदबिलाव की यह लाइव रिकॉर्डिंग न सिर्फ छत्तीसगढ़ के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखती है। उद बिलाव की उपस्थिति किसी भी जंगल के जैव विविधता की मजबूती का मजबूत प्रमाण होता है। उद बिलाव की यह उपस्थिति उदंती- सीतानदी टाइगर रिजर्व और छत्तीसगढ़ दोनों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह वन्यजीवों की एक फूड सीरीज की उपस्थिति और आवास के बारे में प्रमाणिक जानकारी प्रदान करती है।
( यूरेशियन ओटर का कैमरा ट्रैप फोटोग्राफ संलग्न)
वरुण जैन आईएफएस
निदेशक
उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व