रायपुर। Raipur : अविनाश फाउंडेशन ने एक बार फिर सामाजिक जिम्मेदारी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। समाज को सशक्त बनाने के अपने निरंतर प्रयासों के तहत फाउंडेशन ने अशोक सिंघानिया कौशल विकास योजना के अंतर्गत 18 मई को एक नया सिलाई प्रशिक्षण केंद्र शुरू किया है। यह केंद्र अवंति विहार स्थित मारुति आर्केड की दूसरी मंज़िल पर ऑफिस नंबर 201 में संचालित होगा।
इस केंद्र की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह केवल निःशुल्क सिलाई प्रशिक्षण नहीं देगा, बल्कि एक माइक्रो मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में भी कार्य करेगा। इसका उद्देश्य प्रशिक्षण और रोजगार के बीच की दूरी को कम करना है। इस पहल को लॉन्च होते ही दो महत्वपूर्ण ऑर्डर भी प्राप्त हो चुके हैं – एक, इनफिनिटी फैसिलिटीज मैनेजमेंट के लिए 60 एप्रन और दूसरा, ज़ोर्बा द बुद्ध किंडरगार्टन स्कूल के लिए यूनिफॉर्म का निर्माण।
इससे छात्रों को न केवल प्रैक्टिकल अनुभव मिलेगा, बल्कि बाज़ार से जुड़ी वास्तविक कामकाजी समझ और मौके भी प्राप्त होंगे।
फाउंडेशन की स्थापना वर्ष 2013 में अशोक सिंघानिया द्वारा की गई थी और वर्तमान में इसे सुगंधा सिंघानिया के नेतृत्व में संचालित किया जा रहा है। यह कौशल विकास योजना “समाज को लौटाने” की विचारधारा पर आधारित है।
वर्तमान में संस्था द्वारा ब्यूटीशियन, सिलाई, टैली और बेसिक कंप्यूटर स्किल्स जैसे कोर्स निःशुल्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिनमें 200 से अधिक छात्र प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। हर वर्ष करीब 1000 छात्र प्रमाणपत्र प्राप्त करते हैं, जिनमें से 65 छात्राओं को 9,000 से 15,500 रुपए मासिक वेतन वाली नौकरियाँ मिल चुकी हैं, जबकि कई अन्य छात्र इंटर्नशिप कर रहे हैं।
केंद्र प्रमुख ए. राधा नायडू ने बताया –
“हमारा उद्देश्य इस नए केंद्र के माध्यम से एक स्थायी तंत्र तैयार करना है, जहाँ छात्र व्यावहारिक स्किल्स सीखकर उत्पादन और रोजगार में सीधे योगदान कर सकें। यह पहल न केवल व्यक्तियों को सशक्त बनाती है, बल्कि स्थानीय आर्थिक विकास को भी बल देती है।”
गौरतलब है कि अविनाश फाउंडेशन द्वारा संतोष अग्रवाल ग्रोथ अकादमी की भी स्थापना की गई है, जो मूक-बधिर बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रही है। इस केंद्र का संचालन कोपलवाणी संस्था कर रही है।
अविनाश फाउंडेशन गरिमा, कौशल और आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है और यह नया प्रशिक्षण केंद्र इसकी सामाजिक प्रतिबद्धताओं की श्रृंखला में एक और चमकता हुआ अध्याय है, जो एक समय में एक ज़िंदगी को बेहतर बना रहा है।