सरगुजा। CG : छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक पिता को अपने मृत बच्चे का शव मोटरसाइकिल पर बांधकर घर ले जाना पड़ा, क्योंकि अस्पताल में शव वाहन उपलब्ध नहीं था। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली और गरीबों की लाचारी को उजागर कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, सरगुजा के रघुनाथपुर अस्पताल में दो बच्चों, सूरज गिरी (5 वर्ष) और जुगनू गिरी (5 वर्ष), की रविवार दोपहर ट्यूबवेल के सोखता गड्ढे में डूबने से मौत हो गई थी। परिजन बच्चों के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल ले गए, लेकिन वहां पोस्टमॉर्टम के लिए कथित तौर पर 10,000-10,000 रुपये की मांग की गई। पिता, जो आर्थिक रूप से कमजोर थे, इस राशि का भुगतान नहीं कर सके। नतीजतन, उन्हें शव वाहन भी नहीं मिला, और मजबूरी में एक पिता को अपने बच्चे का शव गोद में लेकर मोटरसाइकिल से घर जाना पड़ा।
वायरल वीडियो में पिता को बच्चे का शव बाइक पर ले जाते देखा जा सकता है, जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है। कुछ लोगों ने वीडियो को देखकर यह गलत धारणा बनाई कि पिता मुस्कुरा रहे थे, लेकिन गहन जांच से पता चलता है कि यह उनकी मजबूरी और दर्द का प्रतिबिंब था, न कि खुशी। यह दृश्य सदियों से चली आ रही गरीबों की लाचारी को दर्शाता है।
स्थानीय लोगों और सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर गुस्सा देखा जा रहा है। एक यूजर ने लिखा, “पैसा सबकुछ हो गया है इस दुनिया में। गरीब की जान की कोई कीमत नहीं।” दूसरी ओर, अस्पताल के बीएमओ ने परिजनों के पैसे मांगने के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि परिजन जल्दी में थे और खुद शव ले जाना चाहते थे।
यह घटना छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति को उजागर करती है। पहले भी सरगुजा में ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जहां 2022 में एक पिता को अपनी बेटी का शव कंधे पर लादकर 10 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा था। उस घटना की जांच के आदेश दिए गए थे, लेकिन व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ।
प्रशासन ने इस मामले में जांच शुरू करने की बात कही है, लेकिन सवाल यह है कि कब तक गरीबों को ऐसी लाचारी झेलनी पड़ेगी? यह घटना न केवल सरकारी तंत्र की असंवेदनशीलता को दर्शाती है, बल्कि समाज में बढ़ती आर्थिक असमानता पर भी सवाल उठाती है।