अमृतसर। Attari-Wagah border: भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित अटारी-वाघा बॉर्डर पर विश्व प्रसिद्ध ‘बीटिंग रिट्रीट’ समारोह आज, 21 मई 2025 से पर्यटकों के लिए फिर से शुरू हो गया है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने घोषणा की है कि समारोह का नया समय अब शाम 6:00 बजे से 6:30 बजे तक होगा, जो आज से प्रभावी है। यह समारोह 7 मई 2025 को पहलगाम आतंकी हमले के बाद से निलंबित था, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे।
सीमित स्वरूप में आयोजन, बदले नियम
पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के कारण बीएसएफ ने समारोह को सीमित स्वरूप में शुरू करने का फैसला लिया है। नए नियमों के तहत, समारोह के दौरान सीमा के द्वार नहीं खोले जाएंगे और बीएसएफ जवानों व पाकिस्तान रेंजर्स के बीच पारंपरिक हैंडशेक की प्रथा भी बंद रहेगी। बीएसएफ पंजाब फ्रंटियर के आईजी अतुल फुलजले ने बताया कि यह बदलाव सुरक्षा और तनाव को ध्यान में रखकर किए गए हैं, लेकिन समारोह का देशभक्ति भरा उत्साह बरकरार रहेगा।
पर्यटकों के लिए खास व्यवस्था
बीएसएफ ने पर्यटकों को सलाह दी है कि वे समारोह शुरू होने से कम से कम एक घंटे पहले पहुंचें, क्योंकि सीटें ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर उपलब्ध होंगी। ऑनलाइन बुकिंग के लिए बीएसएफ की वेबसाइट (attari.bsf.gov.in) या ‘Bsf Attari’ मोबाइल ऐप के जरिए सीट बुक की जा सकती है, जो दो दिन पहले खुलती है। अमृतसर से अटारी बॉर्डर की दूरी करीब 30 किमी है, जहां टैक्सी, रिक्शा या बस से पहुंचा जा सकता है।
समारोह का ऐतिहासिक महत्व
1959 से शुरू हुआ यह समारोह भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य अनुशासन और सीमित सौहार्द का प्रतीक है। हर शाम सूर्यास्त से पहले होने वाली इस 30 मिनट की परेड में बीएसएफ और पाकिस्तान रेंजर्स के जवान समन्वित मार्च, ऊंची किक्स और झंडा उतारने की रस्म निभाते हैं। “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम” के नारों से गूंजता यह आयोजन देशभक्ति की भावना जगाता है और हर दिन हजारों पर्यटकों को आकर्षित करता है।
स्थानीय व्यापारियों में उत्साह
समारोह के फिर से शुरू होने से स्थानीय टैक्सी यूनियन और व्यापारियों में खुशी की लहर है, जिनकी आजीविका पर्यटकों पर निर्भर है। टैक्सी यूनियन ने हाल ही में समारोह शुरू करने की मांग की थी, क्योंकि इसकी बंदी से उनकी कमाई ठप हो गई थी। स्थानीय ढाबा मालिक मंजीत सिंह ने कहा, “यह समारोह हमारे लिए सिर्फ परेड नहीं, बल्कि रोजी-रोटी का साधन भी है।”
तनाव के बाद सामान्यीकरण की ओर कदम
10 मई 2025 को हुए सीजफायर समझौते के बाद दोनों देशों के बीच तनाव में कमी आई है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने संसदीय समिति को बताया कि यह सीजफायर द्विपक्षीय बातचीत का नतीजा है, न कि किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का। समारोह का पुनरारंभ दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
पर्यटकों के लिए सलाह
पर्यटकों को सुझाव दिया गया है कि वे कम सामान लाएं, क्योंकि सुरक्षा जांच सख्त होगी। समारोह स्थल पर खाने-पीने की दुकानें और स्मृति चिन्हों की दुकानें उपलब्ध हैं। यह आयोजन न केवल सैन्य शौर्य का प्रदर्शन है, बल्कि भारत-पाकिस्तान के जटिल रिश्तों में देशभक्ति और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का अनूठा मंच भी है।