गरियाबंद, 21 मई 2025:
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में गंभीर लापरवाही और फर्जीवाड़े की शिकायत पर कलेक्टर श्री बी.एस. उइके ने बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की है। देवभोग विकासखंड में बोगस जीओ टैगिंग के मामले की जांच के बाद दोषियों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आवास मित्रों को सेवा से हटा दिया गया है, वहीं विकासखंड समन्वयक और ग्राम पंचायत सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
किस पर हुई कार्रवाई:
- ग्राम पंचायत दहीगांव के आवास मित्र श्री भूवनलाल नागेश
- ग्राम पंचायत झाखरपारा के आवास मित्र श्री प्रदीप एवं श्रीमती पूर्णिमा
इन तीनों को तत्काल प्रभाव से सेवा से पृथक कर दिया गया है।
नोटिस जारी:
- विकासखंड समन्वयक जनपद पंचायत देवभोग विकास कुमार द्विवेदी
- ग्राम पंचायत झाखरपारा के सचिव श्री अर्जुन नायक
दोनों को दो दिन के भीतर जिला पंचायत सीईओ के समक्ष स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया है।
कैसे हुआ खुलासा:
बोगस जीओ टैगिंग को लेकर प्राप्त शिकायत की जांच जिला स्तरीय जांच समिति द्वारा की गई। समिति ने पुरनापानी, झाखरपारा और दहीगांव की ग्राम पंचायतों में आवासों का भौतिक सत्यापन किया और सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक, आवास मित्र, हितग्राहियों और ग्रामीणों के बयान लिए।
जांच में क्या पाया गया:
जांच के दौरान प्रशासन को दी गई रिपोर्ट और मौके पर मिली वास्तविक स्थिति में भारी अंतर पाया गया। कई मामलों में जीओ टैगिंग ऐसे स्थानों पर की गई थी जहां भौतिक रूप से निर्माण कार्य हुआ ही नहीं था, जिसे प्रशासन ने गंभीर लापरवाही और कर्तव्य विमुखता माना।
कलेक्टर का संदेश:
कलेक्टर श्री उइके ने कहा कि पीएम आवास जैसी महत्वपूर्ण योजना में किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों तक पारदर्शिता और ईमानदारी से पहुंचे, इसके लिए प्रशासन पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
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इस कार्रवाई से स्पष्ट संकेत मिला है कि जिला प्रशासन पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के प्रति “जीरो टॉलरेंस नीति” अपना रहा है। ऐसे मामलों में आगे भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी