डेस्क। Jyoti Malhotra Youtuber : गुड़गांव में पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के मामले में हर दिन नए खुलासे सामने आ रहे हैं। हिसार की रहने वाली ज्योति, जो अपने यूट्यूब चैनल ‘ट्रैवल विद जो’ के जरिए ट्रैवल व्लॉगिंग के लिए जानी जाती थीं, अब जासूसी के गंभीर आरोपों में फंस चुकी हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक, पुलिस को ज्योति की एक निजी डायरी मिली है, जिसमें उनकी यात्राओं और निजी विचारों का जिक्र है, जो जांच एजेंसियों के लिए अहम साबित हो सकता है।
डायरी में ‘कोड लैंग्वेज’ या कुछ और?
“सविता को कहना फ्रूट ला दें. घर का ख्याल रखें. मैं जल्दी आ जाऊंगी.” अब इस नोट पर लिखे हुए शब्द कई सवाल खड़े कर रहे हैं जैसे फ्रूट का मतलब क्या है ? सविता कौन है? क्या यह सिर्फ एक साधारण नोट है या कोई ‘कोड लैंग्वेज’ ये अभी तक साफ नहीं है. नोट में लिखा है कि ‘जल्दी जाऊंगी’ क्या यह संकेत है कि वह कोई मिशन पूरा करके लौटने वाली थी? एक और स्टेटमेंट जो उस लेटर में लिखा है कि “एक महीने की पैनटॉप-डी, गुप्ता डॉक्टर की दवाई एक महीने की ला दे”. इसका मतलब है कि किसी व्यक्ति ने डॉक्टर गुप्ता से कहा है कि वह एक महीने की पैनटॉप-डी दवा ला दे.
इसके साथ ही उस पन्ने के अंत में लिखा है, “Love You Khush Mush.” इसका अर्थ है, “मैं तुमसे प्यार करती हूं, खुशमिजाज” इसके क्या मायने है अभी तक कोई इस मामले में आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. पुलिस का मानना है कि डायरी के ये नोट्स ज्योति के पाकिस्तानी संपर्कों और उनकी गतिविधियों के बारे में महत्वपूर्ण सुराग दे सकते हैं।
पाकिस्तानी एजेंटों से संपर्क और जासूसी का नेटवर्क ज्योति मल्होत्रा पर आरोप है कि वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए संवेदनशील जानकारी साझा कर रही थीं। वह 2023 में कमीशन एजेंटों के जरिए वीजा लेकर पाकिस्तान गई थीं, जहां उनकी मुलाकात पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से हुई थी। दानिश को हाल ही में भारत से निष्कासित किया गया है। जांच में पता चला कि ज्योति तीन ISI अधिकारियों—अली अहसान, शाकिर उर्फ शाहबाज राणा, और दानिश—के संपर्क में थीं। उन्होंने अपने फोन में इनके नंबर ‘जट्ट रंधावा’ जैसे फर्जी नामों से सेव किए थे ताकि किसी को शक न हो।
सोशल मीडिया का दुरुपयोग ज्योति का यूट्यूब चैनल ‘ट्रैवल विद जो’ और इंस्टाग्राम अकाउंट, जहां उनके क्रमशः 3.77 लाख और 1.32 लाख फॉलोअर्स थे, का इस्तेमाल पाकिस्तान की सकारात्मक छवि दिखाने और संवेदनशील जानकारी साझा करने के लिए किया गया। एक वायरल वीडियो में ज्योति को पाकिस्तानी पत्रकार हीना बतूल के साथ कोड वर्ड में बात करते देखा गया, जिसमें उन्होंने ‘हिंदुस्तानी-पाकिस्तानी, बहन-बहन’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। इस वीडियो ने जांच एजेंसियों का ध्यान खींचा। मेटा ने ज्योति के इंस्टाग्राम अकाउंट को सस्पेंड कर दिया है।
पहलगाम हमले से कनेक्शन? ज्योति की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उनके मोबाइल और लैपटॉप की फॉरेंसिक जांच शुरू की है। उनके जीमेल अकाउंट में पाकिस्तानी IP से लॉगिन और अली हसन नाम के व्यक्ति के साथ व्हाट्सएप चैट के सबूत मिले हैं। ज्योति पर शक है कि वह जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले (22 अप्रैल 2025) के समय भी पाकिस्तानी एजेंटों के संपर्क में थीं। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या उनका इस हमले से कोई सीधा संबंध था।
पुलिस और जांच एजेंसियों की कार्रवाई ज्योति को 16 मई 2025 को गिरफ्तार किया गया और 17 मई को कोर्ट में पेश कर पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया। उनके खिलाफ आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 की धारा 3 और 5 और भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने उनके घर की तलाशी ली, जहां से डायरी सहित अन्य सबूत बरामद किए गए। इसके अलावा, ज्योति के साथ हरियाणा और पंजाब में सक्रिय जासूसी नेटवर्क के पांच अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है, जिनमें गजाला, यामीन मोहम्मद, देविंदर सिंह ढिल्लो, और अरमान शामिल हैं।
ज्योति मल्होत्रा का मामला न केवल एक यूट्यूबर की जासूसी गतिविधियों को उजागर करता है, बल्कि यह भी चेतावनी देता है कि सोशल मीडिया का दुरुपयोग देश की सुरक्षा के लिए कितना खतरनाक हो सकता है। जांच एजेंसियां अब ज्योति के वित्तीय लेन-देन, यात्रा इतिहास, और अन्य सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के साथ उनके संभावित नेटवर्क की गहन जांच कर रही हैं।