धरसींवा।CG NEWS: जब घर की ज़िम्मेदारियां और सामाजिक बेड़ियां किसी महिला को सपनों से दूर धकेलती हैं, तब छत्तीसगढ़ की एक बेटी ने दिखाया कि कैसे दृढ़ संकल्प और परिवार का अटूट साथ हो, तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती। मिलिए विजय लक्ष्मी साहू से – एक ऐसी गृहणी, जिन्होंने एक्यूप्रेशर थेरेपी को सिर्फ़ अपना जुनून नहीं बनाया, बल्कि इसके ज़रिए हज़ारों-लाखों आम लोगों के जीवन को नई रोशनी दी है। उनकी कहानी सिर्फ़ एक व्यक्तिगत सफलता गाथा नहीं, बल्कि समाज के लिए एक स्वास्थ्य क्रांति है, जहां बिना किसी महंगे उपचार के, दर्द और बीमारियों से मुक्ति मिल रही है।
जब एक महिला अपने सपनों को समाज सेवा से जोड़ देती है, तो वह सिर्फ़ अपना नहीं, हज़ारों-लाखों लोगों का जीवन बदल देती है। ऐसी ही एक अनूठी मिसाल हैं छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की धरसींवा ब्लाक के परसतराई कि विजय लक्ष्मी साहू। एक सामान्य गृहणी से लेकर एक्यूप्रेशर की विशेषज्ञ और निःशुल्क समाज सेविका तक का उनका सफ़र, किसी प्रेरणा से कम नहीं। विजय लक्ष्मी ने दिखाया है कि कैसे दृढ़ संकल्प और परिवार का साथ हो, तो सिर्फ़ दर्द ही दूर नहीं होता, बल्कि एक स्वस्थ और सशक्त समाज का निर्माण भी होता है। इन दिनों विजय लक्ष्मी साहू आंगनवाड़ी केंद्रों में अपनी निःशुल्क सेवाएं देकर, खासकर गर्भवती महिलाओं और गरीब तबके के लिए किसी ‘वरदान’ से कम नहीं हैं।
आंगनवाड़ी में निःशुल्क सेवा: गर्भवती महिलाओं के लिए बनीं ‘संजीवनी’
विजय लक्ष्मी साहू इन दिनों अपना बहुमूल्य समय आंगनवाड़ी केंद्रों में निःशुल्क सेवा देने में बिता रही हैं। वे बताती हैं, “गर्भवती महिलाओं को अक्सर गर्भावस्था के दौरान कई तरह की शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जैसे कि पीठ दर्द, पैरों में सूजन, तनाव और नींद न आने की समस्या। एक्यूप्रेशर इन समस्याओं से बिना किसी दवा के राहत दिलाने में बेहद प्रभावी है।”
वे गर्भवती महिलाओं को न केवल एक्यूप्रेशर के महत्वपूर्ण बिंदुओं की जानकारी देती हैं, बल्कि उन्हें सही आहार और पोषण संबंधी मार्गदर्शन भी प्रदान करती हैं। उनके इस प्रयास से हजारों गर्भवती महिलाओं को आराम मिला है, जिससे वे एक स्वस्थ गर्भावस्था का अनुभव कर पा रही हैं। यह पहल स्वस्थ माँ और स्वस्थ बच्चे के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
गरीब तबके के लिए ‘वरदान’: सस्ता, प्रभावी और दर्द-मुक्त जीवन
विजय लक्ष्मी साहू का सबसे बड़ा लक्ष्य एक्यूप्रेशर को हर उस व्यक्ति तक पहुंचाना है, जो महंगी चिकित्सा सुविधाओं का खर्च वहन नहीं कर सकता। वे कहती हैं, “गरीब परिवारों के लिए बीमारियों का इलाज अक्सर एक बड़ा वित्तीय बोझ बन जाता है। एक्यूप्रेशर एक ऐसी पद्धति है जो न केवल प्रभावी है, बल्कि पूरी तरह से सस्ती और सुरक्षित भी है।
शिक्षा से समाज सेवा तक: एक गृहणी का असाधारण संकल्प
धरसींवा के ग्राम परसतराई में मनहरण लाल साहू शिक्षक के घर जन्म लिए विजय लक्ष्मी साहू की कहानी भी दिलचस्प है क्यो की एक साधारण परिवार में जन्मी इस बेटी की शिक्षा दीक्षा मूल रूप से ब्लाक के ही सारागांव के हायर सेकेंडरी स्कूल से लेकर डिग्री गर्ल्स कॉलेज तक की शिक्षा है आगे की पढ़ाई विजय लक्ष्मी ने एम.एससी. होम साइंस और फूड एंड न्यूट्रिशन में डिप्लोमा किया है। लेकिन स्वास्थ्य सेवा के प्रति उनका जुनून उन्हें एक्यूप्रेशर थेरेपी की ओर ले आया। पिछले तीन वर्षों से वे सक्रिय रूप से इस पारंपरिक चिकित्सा पद्धति का प्रचार-प्रसार कर रही हैं। उनके जीवन में सबसे बड़ा सहारा उनके पति अतुल साहू हैं, जो उन्हें हमेशा प्रोत्साहित करते हैं। उनके ससुर एन.डी. साहू (सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी) और सास लक्ष्मी साहू ने भी उन्हें भरपूर सहयोग दिया है। विजय लक्ष्मी विनम्रता से बताती हैं, “मेरी सास बच्चों, पृथ्वीराज (बेटा) और ऋषिका साहू (बेटी) की देखभाल में मेरी बहुत मदद करती हैं, जिससे मैं अपने करियर पर ध्यान दे पाती हूँ। उनके समर्थन के बिना यह सब संभव नहीं था।” घर की सबसे बड़ी बहू होने के बावजूद, उन्होंने परिवार और समाज सेवा के बीच एक बेहतरीन संतुलन बनाया है।
रिकॉर्ड तोड़ शिविर और सम्मान: देशभर में पहचान बनाती ‘हेल्थ आइकॉन’
विजय लक्ष्मी साहू ने दिल्ली, चंडीगढ़ और बनारस जैसे प्रमुख शहरों में एक्यूप्रेशर काउंसिल चंडीगढ़ (जीरखपुर) से गहन प्रशिक्षण प्राप्त किया है। उनकी लगन और समर्पण का ही परिणाम है कि उन्होंने 60 से अधिक महिला और पुरुष स्वास्थ्य मित्रों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया है, जो अब स्वयं एक्यूप्रेशर के माध्यम से लोगों की सेवा कर रहे हैं और आत्मनिर्भर बन रहे हैं। राज्य में 80 से अधिक स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन कर, उन्होंने हज़ारों-लाखों लोगों तक एक्यूप्रेशर के चमत्कारी लाभों को पहुंचाया है। उनकी ख्याति अब छत्तीसगढ़ से निकलकर दूसरे राज्यों तक फैल चुकी है, जहां उन्होंने सफल कैंप लगाए हैं। उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हें दिल्ली और चंडीगढ़ में कई प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाज़ा गया है।
हर महिला के लिए संदेश: “सपनों को पंख दो,आत्मनिर्भर बनो!”
विजय लक्ष्मी साहू उन सभी गृहणियों और महिलाओं के लिए एक प्रेरणादायक संदेश देती हैं जो अपने जीवन में कुछ बड़ा करना चाहती हैं और कहती है किअपने समय की कदर करना सीखो, क्योंकि समय ही तुम्हारी कदर करेगा, चुनौतियाँ सिर्फ़ आगे बढ़ने का ज़रिया हैं, जो उन्हें स्वीकारेगा वही जीतेगा क्यो कि हमेशा सकारात्मक सोच रखो, यही हर सफलता की कुंजी है व अगर मेहनत करने का जुनून है, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। याद रखें, आत्मनिर्भरता ही आपको जीवन में सच्चा सशक्तिकरण देगी। विजय लक्ष्मी साहू का जीवन इस बात का जीवंत प्रमाण है कि समर्पण, कड़ी मेहनत और परिवार के अटूट समर्थन से एक महिला न केवल अपने सपनों को साकार कर सकती है, बल्कि समाज के लिए एक प्रेरणा स्रोत और लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने वाली ‘हेल्थ आइकॉन’ भी बन सकती है। उनकी यह कहानी हर उस व्यक्ति के लिए है जो हिम्मत हार चुका है और जिसे एक नई शुरुआत की तलाश है।