गरियाबंद। Gariaband : राजिम विधानसभा क्षेत्र की सभी सहकारी समितियों ने धान खरीदी में सुखत (वजन में कमी) को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने खरीदी में आई सुखत को शून्य करने की मांग की है। समितियों ने कहा कि इस बार जो सुखत हुआ है, वह प्राकृतिक और प्रशासनिक कारणों से हुआ है, जिसमें समितियों की कोई सीधी गलती नहीं है।
सोसायटी महासंघ के अध्यक्ष जितेंद्र सोनकर ने यह नुकसान हमारे द्वारा नहीं, बल्कि मिलर्स की लापरवाही, भंडारण की कमी और प्रशासनिक उदासीनता के कारण हुआ है। मिलर्स द्वारा धान का समय पर उठाव नहीं किया, जिससे धान महीनों तक केन्द्रों में जमा रहा। बफर लिमिट से अधिक धान संग्रहित होने के कारण सुरक्षित भंडारण में समस्या हुई। चूहा, दीमक जैसे जीवों के कारण बारदाना व धान को क्षति पहुँची। खाली बारदाने का वजन कम था, जिससे वास्तविक वजन में फर्क आया। अधिकारियों को बार-बार सूचित करने पर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
समिति प्रमुख ने बताया कि धान खरीदी के समय 17 प्रतिशत नमी रहती है, जो भंडारण व मौसम की स्थिति के कारण घटकर 11-12 प्रतिशत रह जाती है, जिससे स्वाभाविक रूप से वजन में हानि होती है। जिला नोडल अधिकारियों ने भी सुखत की पुष्टि की, फिर भी अनदेखी हुई। संस्थाओं ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि इन परिस्थितियों के बावजूद समिति प्रबंधकों को दोषी माना जाता है, तो इस प्रक्रिया में सम्मिलित समस्त उच्चाधिकारी भी समान रूप से उत्तरदायी हैं। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया है कि इन सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सहकारी संस्थाओं को आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए धान सुखत को शून्य घोषित किया जाए।