गरियाबंद, 26 मई 2025/
जिले के कलेक्टर बी. एस. उइके की संवेदनशीलता और तत्परता एक बार फिर सामने आई है, जब उन्होंने विकासखंड छुरा के ग्राम मुड़ागांव में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति कमार समुदाय के पाँच अनाथ बच्चों के भविष्य को संवारने का बीड़ा उठाया। समाचार पत्र में प्रकाशित खबर के माध्यम से इन बच्चों की दयनीय स्थिति की जानकारी मिलते ही कलेक्टर श्री उइके ने तुरंत संज्ञान लिया और संबंधित विभागों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।
कलेक्टर के निर्देश पर आदिवासी विकास विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग ने संयुक्त प्रयास करते हुए इन बच्चों का प्रवेश कमार आवासीय विद्यालय गरियाबंद में कराया, जहाँ उन्हें निःशुल्क आवास, भोजन, और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पूर्ण व्यवस्था प्रदान की गई है। इसके साथ ही स्पॉन्सरशिप योजना के तहत प्रत्येक छात्र को 4,000 रुपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी, जिससे उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति और शैक्षणिक उन्नति सुनिश्चित हो सके।
यह पहल न सिर्फ इन पाँच बच्चों के लिए एक नई शुरुआत है, बल्कि यह प्रशासन की उस संवेदनशील सोच का प्रमाण भी है, जिसमें समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक मदद पहुँचाने की प्रतिबद्धता है।
कलेक्टर श्री उइके ने स्पष्ट किया कि शासन की मंशा है कि कोई भी बच्चा विशेषकर विशेष पिछड़ी जनजाति का बालक या बालिका मूलभूत सुविधाओं और शिक्षा से वंचित न रहे। इसी उद्देश्य को लेकर जिला प्रशासन लगातार सक्रिय है और ऐसे सभी जरूरतमंदों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है।