डेस्क। COVID-19 advice : कोरोनावायरस एक बार फिर भारत में धीरे धीरे पैर पसार रहा है, हालांकि ज्यादातर मामले सामान्य हैं और मरीजों को कोई खतरा नहीं है. पांच साल पहले कोरोना वायरस के शुरुआती दौर में गंध-स्वाद का पता न चलने को सबसे प्रबल लक्षण माना जाता था, लेकिन अब इसके लक्षणों में क्या बदलाव आया है.
मौसम में बदलाव के कारण इस वक्त तमाम लोग वायरल फीवर, खांसी-जुकाम या गले में खराश जैसे परेशानियों से जूझ रहे हैं, लेकिन कहीं ये कोरोना तो नहीं, बढ़ते मामलों को देखते हुए ये सवाल हर आम व्यक्ति के दिमाग में कौंधने लगता है.
कोरोना पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रतिक्रिया
डब्ल्यूएचओ ने कोविड के NB 1.8.1 और NF.7 जैसे वैरिएंट पर कहा है कि ये मामले सामान्य हैं और इनको लेकर कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है. मगर इसका संक्रमण तेजी से फैल रहा है. भारत में भी केरल-कर्नाटक से तमिलनाडु-महाराष्ट्र तक कोरोना संक्रमण में उछाल आया है. हालांकि इसके ज्यादातर मरीजों को अस्पताल में भी भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ी.
एंटीजन टेस्ट या RT-PCR
विशेषज्ञों का कहना है कि अभी तक नए मरीजों में स्वाद और गंध पता न चलने जैसे लक्षण नहीं मिले हैं. लिहाजा घर पर एंटीजन टेस्ट या आरटी-पीसीआर टेस्ट करा सकते हैं. लगातार पानी पीते रहें. ऑक्सीजन लेवल की निगरानी करें और ऐसे लक्षण हों तो घर से बाहर भीड़ भाड़ वाली जगहों पर न जाएं.
वैक्सीनेशन से बड़ी मदद
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का कहना है कि देश में 95 फीसदी वयस्क आबादी का टीकाकरण हो चुका है. देश की 75 फीसदी आबादी को बूस्टर डोज भी लग चुका है. लेकिन सिर्फ 18 फीसदी को ही ओमिक्रॉन वैरिएंट से मुकाबला करने वाली वैक्सीन लगी है. केरल, कर्नाटक जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में कोरोना का NB.7 वैरिएंट के ज्यादा मामले मिले हैं. जबकि विदेशी यात्रियों में NB.1.8.1 का संक्रमण मिला है.