Crime : रामपुर, उत्तर प्रदेश: रामपुर जिले के टांडा क्षेत्र में 23 मई 2025 को एक बड़े सोने तस्करी रैकेट का पर्दाफाश हुआ। पुलिस ने चार तस्करों—मुत्तलिब, अजहरुद्दीन, शाने आलम, और जुल्फिकार अली—को गिरफ्तार किया, जिनके पास से लगभग 1 किलोग्राम सोना बरामद हुआ। यह सोना 30-30 ग्राम के 29 कैप्सूल के रूप में उनके पेट से निकाला गया, जिसे उन्होंने दुबई से तस्करी कर भारत लाया था।
तस्करी का तरीका और सिक्योरिटी में सेटिंग पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि यह गैंग अत्यंत सुनियोजित तरीके से काम करता था। तस्कर सोने को छोटे-छोटे कैप्सूल में पैक कर पानी के साथ निगल लेते थे। ये कैप्सूल दुबई और सऊदी अरब से लाए जाते थे और भारत के हवाई अड्डों, खासकर मुंबई और दिल्ली, पर बिना पकड़े निकल जाते थे। सूत्रों के अनुसार, इस गैंग की दुबई एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी कर्मियों के साथ साठगांठ थी, जिसके चलते वे आसानी से चेक-इन कर लेते थे। सामान्य मेटल डिटेक्टर और स्कैनिंग मशीनें इन कैप्सूल को पकड़ नहीं पातीं, क्योंकि ये फाइबर या प्लास्टिक में लपेटे जाते थे।
स्पेशल टॉयलेट सिस्टम
तस्करों ने अपने घरों में विशेष टॉयलेट बनवाए थे, जिनमें स्टील की जाली लगी होती थी। शौच के दौरान मल इस जाली पर गिरता था, और कैप्सूल को आसानी से अलग कर साफ किया जाता था। इसके बाद सोना फाइनेंसरों को सौंपा जाता था। यह प्रक्रिया इतनी व्यवस्थित थी कि तस्कर बिना किसी शारीरिक नुकसान के सोना निकाल लेते थे। तस्कर दो-तीन दिन तक केवल हल्का भोजन या फल खाते थे ताकि कैप्सूल आसानी से बाहर निकल जाए।
आर्थिक लाभ और गैंग का नेटवर्क
जांच में पता चला कि यह गैंग रामपुर के टांडा क्षेत्र में सक्रिय एक बड़े अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क का हिस्सा है। दुबई में सोना भारत की तुलना में सस्ता है—लगभग 83 लाख रुपये प्रति किलो, जबकि भारत में इसकी कीमत 86.4 लाख रुपये तक होती है। बिना कस्टम ड्यूटी (14% जीएसटी) चुकाए तस्करी से प्रति किलोग्राम 3.4 लाख रुपये तक का मुनाफा होता था। इस गैंग में फाइनेंसर, ट्रैवल एजेंट, और डॉक्टर भी शामिल थे, जो तस्करों को वीजा, टिकट, और मेडिकल सहायता प्रदान करते थे। प्रत्येक तस्कर को एक चक्कर के लिए 50,000 रुपये मिलते थे।
अपहरण और पुलिस मुठभेड़
23 मई को ये तस्कर दिल्ली से रामपुर लौट रहे थे, जब मुरादाबाद के मूंढापांडे थाना क्षेत्र में दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर बदमाशों ने उनकी कार रोककर अपहरण कर लिया। बदमाशों को मुखबिर से सूचना मिली थी कि इनके पेट में सोना है।
अपहरणकर्ता इनके पेट से सोना निकालने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन एक तस्कर, जुल्फिकार, फार्महाउस से भागकर पुलिस को सूचना देने में सफल रहा। पुलिस ने मुठभेड़ में दो बदमाशों—रफीक और राजा—को गिरफ्तार किया, जिनके पैर में गोली लगी। इसके बाद तस्करों की मेडिकल जांच में उनके पेट में सोने के कैप्सूल होने की पुष्टि हुई।
बरामदगी और कानूनी कार्रवाई डॉक्टरों ने ‘एनीमा’ और अन्य प्रक्रियाओं के जरिए चार तस्करों के पेट से 29 कैप्सूल निकाले, जिनका कुल वजन 1.052 किलोग्राम और कीमत 1 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई। बरामद सोना 99.9% शुद्ध है। पुलिस ने कस्टम एक्ट और भारतीय दंड संहिता की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। तीन तस्करों को जेल भेज दिया गया, जबकि एक तस्कर, मुत्तलिब, के पेट में बचे दो कैप्सूल निकालने के लिए रिमांड पर लिया गया। कस्टम विभाग की टीम भी जांच में शामिल है और तस्करों के पासपोर्ट जब्त किए जा रहे हैं।
बड़ा नेटवर्क और पुलिस की कार्रवाई पुलिस ने टांडा के हाजीपुरा मोहल्ले में छापेमारी कर दो सगे भाइयों को हिरासत में लिया, जो इस गैंग के फाइनेंसर और मुखबिर हो सकते हैं। रामपुर के दो बड़े ज्वैलर्स और एक फाइनेंसर, जाहिद, भी इस नेटवर्क से जुड़े हैं। मुरादाबाद के एक निजी अस्पताल में झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा सोना निकालने की प्रक्रिया का भी खुलासा हुआ। एसएसपी मुरादाबाद, सतपाल अंतिल, ने कहा कि पुलिस इस गैंग के मास्टरमाइंड और दुबई के आकाओं तक पहुंचने के लिए जांच कर रही है।
पिछले मामले और खतरे टांडा में यह कोई पहला मामला नहीं है। पिछले साल भी इसी क्षेत्र से पांच लोग सोना तस्करी के आरोप में पकड़े गए थे, जिनमें एक सीआरपीएफ जवान शामिल था। फरवरी 2025 में एक तस्कर, आलम, की सर्जरी के दौरान मृत्यु हो गई थी, जब मुरादाबाद के एक डॉक्टर ने उसके पेट से सोना निकालने की कोशिश की। इसके बावजूद, यह अवैध धंधा थम नहीं रहा। टांडा के तस्कर हर साल 200-250 करोड़ रुपये का सोना तस्करी कर रहे हैं, जिसमें बेरोजगार युवाओं को लालच देकर शामिल किया जाता है।
यह मामला भारत में सोने की तस्करी के बढ़ते खतरे और संगठित अपराध नेटवर्क की जटिलता को दर्शाता है। पुलिस और कस्टम विभाग अब इस गैंग के अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन, खासकर दुबई और सऊदी अरब में सक्रिय फाइनेंसरों और एयरपोर्ट सिक्योरिटी से साठगांठ की जांच कर रहे हैं। टांडा अब सोने की तस्करी का गढ़ बन चुका है, और इस गैरकानूनी धंधे को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की जरूरत है।