जांजगीर-चांपा। भरत सिंह चौहान। CG : जिले के केरा गांव की चार बेटियों ने समाज को एक नई दिशा दिखाते हुए अपनी दिवंगत मां की अंतिम यात्रा की सभी रस्में पूरी कीं। पारंपरिक मान्यताओं को पीछे छोड़ते हुए इन बेटियों ने न केवल अपनी मां की अर्थी को कंधा दिया, बल्कि पूजा-अर्चना कर अंतिम संस्कार की सारी विधियां भी निभाईं।
बेटियों ने मां को फूलों से सजी एम्बुलेंस में तुलसी से केरा गांव तक विदाई दी और फिर महानदी किनारे स्थित मुक्तिधाम में चिता सजाकर मुखाग्नि दी। यह दृश्य न सिर्फ भावुक करने वाला था, बल्कि समाज को यह संदेश देने वाला भी था कि बेटियां भी हर कर्तव्य को पूरी श्रद्धा से निभा सकती हैं।चारों बेटियां माता-पिता का संबल थीं और आज वे पूरे समाज के लिए एक मिसाल बन गई हैं। इस घटना ने यह साबित कर दिया कि बेटियां केवल ‘लक्ष्मी’ नहीं, बल्कि ‘शक्ति’ भी हैं।