जांजगीर चांम्पा। CG : जिले में जल संरक्षण को लेकर मोर गांव, मोर पानी महाअभियान के अंतर्गत व्यापक गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। कलेक्टर जन्मेजय महोबे के निर्देश और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी गोकुल रावटे के मार्गदर्शन में यह अभियान गांव-गांव में सक्रियता से चलाया जा रहा है।
बलौदा विकासखंड के ग्राम बोकरामुड़ा स्थित सरार के समीप जल संरक्षण की शपथ दिलाई गई, जिसमें पंचायत पदाधिकारियों, महिला समूहों व श्रमिकों ने जल संरक्षण व संवर्धन की जिम्मेदारी ली। जल है तो कल है’ के नारे के साथ ग्रामीणों ने जल स्रोतों के संरक्षण का संदेश दिया।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आरंभ किए गए इस महाअभियान का उद्देश्य केवल जल बचाना नहीं, बल्कि समाज में जल के विवेकपूर्ण उपयोग की आदत विकसित करना और पारंपरिक जल स्त्रोतों के पुनर्जीवन को बढ़ावा देना भी है। अभियान के तहत वर्षा जल संचयन (रेनवाटर हार्वेस्टिंग) के महत्व को विस्तार से समझाया गया, और भूजल स्तर में आ रही गिरावट को रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
प्रत्येक ग्राम पंचायत को मानसून पूर्व व पश्चात भूजल स्तर का रिकॉर्ड रखने हेतु निर्देशित किया गया है। साथ ही, वृक्षारोपण, भूजल दोहन में कमी और सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित कर जल संरक्षण को जनआंदोलन का रूप देने की दिशा में काम किया जा रहा है। यह अभियान जिले में जल आधारित आजीविका के संवर्धन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बनकर उभर रहा है।