रायपुर। CG NEWS : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की बैठक 29 से 31 मई, 2025 तक छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मंडपम में संपन्न हुई। इस तीन दिवसीय बैठक में देशभर के 478 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक के पूर्व 28 मई को परिषद के विविध आयामों की समीक्षा हेतु अलग-अलग बैठकों का आयोजन किया गया, जिसमें 250 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक की पूर्व संध्या पर एक भव्य प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें छत्तीसगढ़ की संस्कृति, जनजातीय परंपराएं, देश की शौर्यगाथाएं, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं जन्म जयंती वर्ष, रानी अबक्का की 500वीं जयंती, और संघ शताब्दी वर्ष जैसे विविध विषयों को रचनात्मक रूप से प्रदर्शित किया गया।
28 मई को आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी और विशेष अतिथि के रूप में संत श्री बालयोगेश्वर रामबालक दास महात्यागी रहे। साथ ही रायपुर शहर के गणमान्य नागरिकगण,परिषद के पूर्व कार्यकर्ता एवं स्वागत समिति के अध्यक्ष , सचिव सहित समस्त सदस्यगण उपस्थिति रहे ।
29 मई की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद बैठक के उद्घाटन सत्र में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. राजशरण शाही, राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी एवं राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री आशीष चौहान द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर बैठक की विधिवत शुरुआत की गई। इस तीन दिवसीय बैठक के अंतिम दिन “भाषाओं के माध्यम से भावी भारत” विषय पर भाषाविद् श्री चमू कृष्ण शास्त्री का विशेष व्याख्यान भी हुआ, जिसमें उन्होंने भारतीय भाषाओं के संरक्षण और उनके व्यापक उपयोग के लिए इकोसिस्टम निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया।
तीन दिवसीय बैठक में प्रमुख रूप से चार प्रस्ताव पारित किए गए: कोचिंग संस्थानों की मनमानी और विद्यार्थियों के शोषण पर नियंत्रण हेतु नीति निर्माण की मांग, केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कुलपति नियुक्ति की प्रक्रिया में हो रही अनावश्यक देरी पर चिंता, भारत की आंतरिक सुरक्षा और वैश्विक स्थिति पर चर्चा, तथा विश्वविद्यालय परिसरों में बढ़ती वैचारिक अस्थिरता के समाधान संबंधी प्रस्ताव। हाल के दिनों में भारत द्वारा किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और ‘ऑपरेशन कगार’ में हमारी सेना के साहस और सामरिक कौशल को अभाविप ने सराहा और भारतीय सुरक्षा बलों के प्रति एकजुट समर्थन प्रकट किया।
बैठक में छात्र हितों से जुड़े विभिन्न ज्वलंत मुद्दों पर विचार-विमर्श कर आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की गई। भगवान बिरसा मुंडा जी की 150 वीं जन्म जयंती वर्ष के अवसर पर उनके जीवन एवं योगदान पर आधारित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें अखिल भारतीय स्तर पर छात्रावासों का सर्वेक्षण, पुस्तकों का प्रकाशन तथा उनके जन्मस्थल की मिट्टी से पूजन एवं यात्रा जैसे कार्यक्रम शामिल होंगे। रानी अबक्का जी की 500वीं जयंती के उपलक्ष्य में विविध आयोजनों की योजना है। आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के संदर्भ में 25 जून से आगामी दो वर्षों तक विश्वविद्यालय परिसरों में पूर्व कार्यकर्ताओं एवं मीसा बंदियों के साथ संवाद, रैली एवं स्मरण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यशवंतराव जी की जन्म शताब्दी पर प्रांत केंद्रों पर पूर्व कार्यकर्ता एकत्रीकरण, अभ्यास वर्ग, भाषण, प्रदर्शनी एवं साहित्य निर्माण जैसे कार्यक्रम किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, संघ शताब्दी वर्ष को ध्यान में रखते हुए संगठनात्मक कार्य विस्तार एवं कार्य की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रहेगा तथा ‘पंच परिवर्तन’ के आह्वान के साथ संकल्पबद्ध अभियान चलाया जाएगा।
इस बैठक की एक उल्लेखनीय विशेषता पर्यावरणीय दृष्टि से किया गया प्रयोगात्मक प्रयास रहा। परिषद ने ‘जीरो फूड वेस्ट’ नीति अपनाते हुए भोजन अपशिष्ट का सेवा बस्तियों में वितरण किया और जैविक अपशिष्ट से खाद निर्माण किया। कार्यक्रम में प्लास्टिक के नेम प्लेट की जगह गोधन से निर्मित नेम प्लेट का उपयोग किया गया। यह बैठक शिक्षा, राष्ट्र निर्माण और छात्रहितों के लिए प्रतिबद्ध संगठन के रूप में अभाविप की भूमिका को और अधिक सशक्त बनाने वाली सिद्ध हुई।
अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजशरण शाही ने राष्ट्रीय कहा, “अभाविप वर्तमान समय में केवल संगठनात्मक विस्तार नहीं कर रहा, बल्कि राष्ट्र के प्रति समर्पित, वैचारिक रूप से सजग और सामाजिक रूप से उत्तरदायी युवाओं का निर्माण कर रहा है। विश्वविद्यालयों में वामपंथी विचारधारा के प्रभाव को मात देने हेतु अभाविप वैचारिक संघर्ष का नेतृत्व कर रहा है। हालिया आतंकी घटनाओं पर भारत की सशक्त प्रतिक्रिया ने युवाओं में आत्मविश्वास और राष्ट्रीय गौरव को बढ़ाया है। शिक्षा को केवल ज्ञान नहीं, बल्कि चरित्र और राष्ट्र निर्माण का माध्यम बनाने की आवश्यकता है, राष्ट्रीय शिक्षा नीति इसी दिशा में एक सकारात्मक पहल है।”
राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा, “अभाविप की सदस्यता लगभग 60 लाख के करीब हो गई है, जो युवाओं के बीच संगठन की व्यापक स्वीकार्यता का प्रमाण है। संगठन ने शिक्षा, पर्यावरण, खेल, उद्यमिता और सामाजिक समरसता जैसे विषयों पर रचनात्मक हस्तक्षेप करते हुए विविध स्तरों पर प्रभावशाली कार्यक्रम चलाए हैं। रायपुर बैठक में लागू की गई पर्यावरणीय पहलें, जैसे प्लास्टिक मुक्त परिसर, शून्य खाद्य अपव्यय और जैविक अपशिष्ट प्रबंधन, यह सिद्ध करती हैं कि अभाविप नवाचारशील और उत्तरदायी छात्र संगठन है। यह बैठक विचार, संवाद और आगामी योजनाओं की दृष्टि से ऐतिहासिक रही है।”