भारतेन्दु कौशिक, बिलासपुर। CG NEWS : बिलासपुर और रायपुर जोन में यात्री ट्रेनों को आउटर में रोककर मालगाड़ियों को रास्ता दिया जा रहा है। इससे हजारों रेल यात्रियों को रोजाना परेशानी का सामना करना पढ़ रहा है। सोमवार को महाराष्ट्र संपर्क क्रांति एक्सप्रेस जैसे बहुत से ट्रेनें 6 से 8 घंटे देरी से पहुंची। यात्री स्टेशन पर इंतजार करते रहे।
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उमस भरी गर्मी के बीच यात्री ट्रेनों की लेटलतिफी यात्रियों की परेशानी बढ़ा रही है। बावजूद इसके समस्या पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। लंबी दूरी के साथ बिलासपुर-कोरबा के मध्य चलने वाली गाड़ियों के परिचालन की भी गति धीमी है। सोमवार को ट्रेने अपनी निर्धारित से समय से लगभग 8 घंटे देरी से बिलासपुर रेलवे स्टेशन पहुंची। कुछ यात्रियों का कहना है कि दूसरे प्रदेश की तुलना छत्तीसगढ में ट्रेनें ज्यादा लेट चलती है। कुछ यात्रियों ने बिलासपुर रेलवे के बातरूम को भी बहुत गंदा होना बताया है।
10 महीने में 2,790 यात्री ट्रेनें रद्द
वहीं दूसरी ओर मालगाड़ियों को ग्रीन सिग्नल देने के लिए बिलासपुर जोन में 10 महीने में 2,790 यात्री ट्रेनें रद्द कर दी गईं। रेलवे का पूरा ध्यान कमाई पर है। यही वजह है कि वित्त वर्ष 2024-25 में जोन में माल ढुलाई से 22,807 करोड़ की कमाई हुई।जो पिछले वित्त वर्ष से 6% ज्यादा है। इस दौरान 1455 मेल-एक्सप्रेस और 1335 पैसेंजर ट्रेनें रद्द रहीं। यात्री ट्रेनों को अलग-अलग कामों के लिए रद्द किया गया। वहीं मालगाड़ियां बिना रुके दौड़ी। अब भी यात्री ट्रेनों को रद्द करने की स्थिति है। मौजूदा वित्त वर्ष में माल लदान में 23,700 करोड़ रुपए कमाई का लक्ष्य लेकर मालगाड़ियां चलाई जा रही हैं। हाल ही में जोनल रेलवे सलाहकार समिति की बैठक में सांसदों ने ट्रेनें रद्द होने पर नाराजगी जताई थी इसके बावजूद भी रेलवे अपने कार्यों से बाज नहीं आ रही है। इस संबंध मे एसईसीआर के सीपीआरओ सुस्कर विपुल विलासराव ने बताया कि अभी बहुत से जोन में काम चल रहा है। जिससे बहुत से ट्रेनें लेट चल रही है।
रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए समर स्पेशल ट्रेनों की संख्या बढ़ाई है, लेकिन समय पर संचालन सुनिश्चित नहीं कर पा रहा है। यात्रियों ने रेलवे से समय पर सूचना देने और ट्रेनों के समय पर संचालन की मांग की है।