Sharmistha Panoli Arrested: DESK. कोलकाता, 2 जून 2025: एक इंस्टाग्राम वीडियो ने मचा दिया तहलका! 22 साल की लॉ स्टूडेंट और इंस्टाग्राम की सनसनी शर्मिष्ठा पनोली अब जेल की सलाखों के पीछे हैं। कोलकाता पुलिस ने 30 मई की रात गुरुग्राम में उनके घर पर धमाकेदार छापेमारी कर उन्हें हिरासत में लिया। 31 मई को अलीपुर कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। वजह? एक वीडियो, जिसने धार्मिक भावनाओं को आग लगा दी और देश भर में बवंडर खड़ा कर दिया। यह मामला अब सिर्फ एक गिरफ्तारी नहीं, बल्कि अभिव्यक्ति की आजादी और धार्मिक संवेदनशीलता की जंग का मैदान बन गया है। आइए, जानते हैं इस धमाकेदार कहानी का पूरा सच!
कैसे शुरू हुआ तूफान?
शर्मिष्ठा पनोली, पुणे के सिम्बायोसिस लॉ स्कूल की चौथे साल की स्टूडेंट और 94,000 फॉलोअर्स वाली इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर, ने 14 मई 2025 को एक वीडियो डाला, जिसने सोशल मीडिया को हिलाकर रख दिया। यह वीडियो भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़ा था, जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। हमलावरों ने कथित तौर पर धार्मिक पहचान के आधार पर लोगों को निशाना बनाया था।
शर्मिष्ठा का वीडियो एक पाकिस्तानी फॉलोअर के सवाल का जवाब था, जिसमें उसने भारत की सैन्य कार्रवाई पर सवाल उठाए थे। लेकिन शर्मिष्ठा ने जो कहा, उसने आग में घी डालने का काम किया। उन्होंने न सिर्फ पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद की तीखी निंदा की, बल्कि कथित तौर पर इस्लाम के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं। इतना ही नहीं, उन्होंने बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता ‘खान्स’ और यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादी को भी निशाने पर लिया, उन पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चुप रहने का इल्ज़ाम लगाते हुए।
वीडियो वायरल हुआ और बस, तूफान मच गया! सोशल मीडिया पर
#ArrestSharmistha ट्रेंड करने लगा। शर्मिष्ठा को बलात्कार और जान से मारने की धमकियां मिलीं। AIMIM नेता वारीस पठान ने आग में और तेल डाला, वीडियो को एक्स पर फ्लैग करते हुए गृह मंत्री को टैग कर उनकी गिरफ्तारी की मांग की। पठान ने गुस्से में कहा, “इस्लाम के खिलाफ अपमान बर्दाश्त नहीं होगा!”
पुलिस का एक्शन और कोर्ट का ड्रामा
15 मई को कोलकाता के गार्डन रीच पुलिस स्टेशन में शर्मिष्ठा के खिलाफ FIR दर्ज हुई। उन पर Bharatiya Nyaya Sanhita की धारा 295A (धार्मिक भावनाओं को ठेस), 153A (सांप्रदायिक शत्रुता), और 505 (शांति भंग) के तहत केस ठोका गया। पुलिस ने कई बार शर्मिष्ठा और उनके परिवार को नोटिस भेजने की कोशिश की, लेकिन पुलिस का दावा है कि वे “फरार” थे। आखिरकार, कोलकाता की एक अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
30 मई की रात, कोलकाता पुलिस ने गुरुग्राम में शर्मिष्ठा के घर पर दबिश दी और उन्हें धर दबोचा। ट्रांजिट रिमांड पर कोलकाता लाए जाने के बाद, 31 मई को अलीपुर कोर्ट में हाई-वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। अभियोजन पक्ष ने पुलिस हिरासत की मांग की, लेकिन कोर्ट ने ठुकरा दिया। शर्मिष्ठा के वकील मोहम्मद समीमुद्दीन ने जमानत के लिए जोर लगाया, यह कहते हुए कि पुलिस ने उनका फोन और लैपटॉप जब्त कर लिया है, और हिरासत की कोई जरूरत नहीं। लेकिन कोर्ट ने जमानत भी रिजेक्ट कर दी और शर्मिष्ठा को 13 जून तक जेल भेज दिया।
कोर्ट से बाहर निकलते वक्त शर्मिष्ठा ने पत्रकारों से कहा, “यह लोकतंत्र का दमन है!” एक्स पर कुछ पोस्ट्स में दावा किया गया कि सुनवाई के दौरान शर्मिष्ठा का चेहरा पीला पड़ गया और वे फूट-फूटकर रो पड़ीं।
माफी मांगी, फिर भी सजा
विवाद बढ़ने पर शर्मिष्ठा ने 15 मई को वीडियो डिलीट कर एक्स पर माफी मांगी, “मेरे बयान मेरी निजी भावनाएं थीं। अगर किसी को ठेस पहुंची, तो मैं माफी मांगती हूं। मैं भविष्य में सावधानी बरतूंगी।” उन्होंने यह भी कहा कि उनकी टिप्पणियां “पाकिस्तानी आतंकवादियों” की धमकियों के जवाब में थीं और “मेरा देश मेरे लिए पहले है।” लेकिन माफी के बावजूद, कानून का शिकंजा कस गया।
सेलिब्रिटी और नेताओं का रिएक्शन: दो धड़ों में बंटा देश
शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी ने बॉलीवुड, राजनीति और सोशल मीडिया को दो खेमों में बांट दिया।
•कंगना रनौत (अभिनेत्री और सांसद): कंगना ने शर्मिष्ठा का साथ देते हुए कहा, “उनके शब्द तीखे थे, लेकिन आजकल का यूथ ऐसा ही बोलता है। उनकी तुरंत रिहाई हो!”
•पवन कल्याण (आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम): “शर्मिष्ठा ने माफी मांग ली, वीडियो हटा लिया, फिर भी सजा? तृणमूल के सांसद सनातन धर्म को ‘गंधा धर्म’ कहते हैं, उनके खिलाफ क्या हुआ? धर्मनिरपेक्षता दोतरफा होनी चाहिए!”
•सुवेंदु अधिकारी (बीजेपी नेता): “यह तुष्टिकरण की राजनीति है। ममता बनर्जी सनातन धर्म पर हमला करती हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं। शर्मिष्ठा पर इतनी जल्दबाजी क्यों?”
•अमित मालवीय (बीजेपी आईटी सेल प्रमुख): “शर्मिष्ठा ने माफी मांगी, कोई दंगा नहीं हुआ, फिर भी 14 दिन की हिरासत? यह पुलिस की हदबंदी है!”
•गीर्ट विल्डर्स (डच सांसद): “शर्मिष्ठा को रिहा करो! सच बोलने की सजा? यह अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है!”
•वारीस पठान (AIMIM नेता): “पैगंबर का अपमान बर्दाश्त नहीं! शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी सही है।”
•श्री राम स्वाभिमान परिषद: “शर्मिष्ठा ने माफी मांगी, फिर भी FIR? यह अन्याय है!”
कानून का पेंच
शर्मिष्ठा पर लगी धाराएं—295A, 153A, और 505—धार्मिक भावनाओं को ठेस और सांप्रदायिक तनाव भड़काने से जुड़ी हैं। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19(1)(a) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है, लेकिन 19(2) में सार्वजनिक व्यवस्था और धार्मिक भावनाओं के सम्मान के लिए प्रतिबंध भी हैं।
कोलकाता पुलिस ने दावा किया,
“गिरफ्तारी पूरी तरह कानूनी थी। सोशल मीडिया पर गलत दावे भ्रामक हैं।” लेकिन सामाजिक कार्यकर्ता सुनैना होले और कुछ एक्स यूजर्स ने कहा कि रात में ट्रांजिट रिमांड और बिना उचित दस्तावेज गिरफ्तारी ने सुप्रीम कोर्ट के अर्नेश कुमार (2014) और जोगिंदर कुमार (1994) के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया।
सोशल मीडिया पर जंग
एक्स पर #ReleaseSharmistha और #ArrestSharmistha हैशटैग्स की जंग छिड़ी है। @VigilntHindutva जैसे यूजर्स इसे “राष्ट्रवादी आवाज दबाने” की साजिश बता रहे हैं, तो @Ind_SpeakMuslim जैसे यूजर्स इसे “न्याय” बता रहे हैं। कुछ का कहना है कि माफी के बाद कार्रवाई गलत थी, तो कुछ मानते हैं कि धार्मिक अपमान की सजा जरूरी है।
क्या होगा आगे?
शर्मिष्ठा का केस अब अभिव्यक्ति की आजादी और धार्मिक संवेदनशीलता की लड़ाई का प्रतीक बन गया है। 13 जून को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई होगी, और तब तक यह मामला सुर्खियों में रहेगा। क्या यह तुष्टिकरण की राजनीति है, या कानून का सही पालन? क्या शर्मिष्ठा की माफी काफी थी, या उनका अपराध अक्षम्य है? यह सवाल पूरे देश को मथ रहा है।