बिलासपुर। CG NEWS : फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रही शिक्षिका को बर्खास्त कर दिया गया है। शिक्षिका ओबीसी वर्ग की होने के बावजूद एसटी वर्ग बैगा जाति का फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर फर्जी दस्तावेजों के सहारे शिक्षक की नौकरी पाई थी। शिकायत होने पर कार्यालय आयुक्त आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विभाग से जांच करवाई गई। जांच में मामला प्रमाणित पाए जाने पर शिक्षिका को बर्खास्त कर दिया गया है।
बिल्हा विकासखंड के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला चांटीडीह में शिक्षिका के पद पर उर्मिला बैगा पदस्थ थीं। उनके खिलाफ अनुसूचित जनजाति के फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी प्राप्त करने की शिकायत मिली थी। शिकायत की जांच उच्च स्तरीय जाती छानबीन समिति कार्यालय आयुक्त आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग तथा पंडित रविशंकर शुक्ल विश्विद्यालय रायपुर से करवाई गई। जांच में पाया गया कि उर्मिला बैगा के पिता रतनलाल के दादा दुखिया वल्द हरिराम मिशल अभिलेख वर्ष 1928–29 में ढीमर जाति अंकित थीं। रतन लाल की सेवा पुस्तिका में ढीमर जाति अंकित थीं एवं उर्मिला का शासकीय प्राथमिक शाला कुदुदंड में दाखिल/ ख़ारिज क्रमांक 499 में जाति ढीमर अंकित हैं। ढीमर जाति केंद्र तथा राज्य सरकार की अन्य पिछड़ा वर्ग सूची में शामिल है।
जिला शिक्षा अधिकारी ने अपने आदेश 7 फरवरी 2007 द्वारा उर्मिला बैगा की सेवा समाप्त किए जाने का आदेश जारी किया। जिसके विरुद्ध उर्मिला बैगा ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की। उच्च न्यायालय ने 1 मार्च 2007 को आदेश जारी कर जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर के आदेश पर स्थगन प्रदान कर दिया। उच्च न्यायालय ने 24 जुलाई 2007 को आदेश जारी कर याचिका खारिज कर दी गई।हाईकोर्ट के निर्णय और उच्च स्तरीय जाति प्रमाण पत्र के आदेश के अनुसार उर्मिला बाई शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय चांटीडीह विकासखंड बिल्हा को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है।