बलरामपुर/अंबिकापुर। Chhattisgarh : सहकारी बैंक घोटाले की परतें एक-एक कर खुलती जा रही हैं। अंबिकापुर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की शंकरगढ़ और कुसमी शाखाओं में हुए करोड़ों के घोटाले में बलरामपुर पुलिस ने दो और बड़ी गिरफ्तारियां की हैं। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में अंबिकापुर के मशहूर ज्वेलर्स नवनीत सोनी उर्फ पिंटू और बैंक मैनेजर अशोक सोनी की पत्नी सुषमा सोनी शामिल हैं।
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पुलिस जांच में सामने आया कि नवनीत सोनी के खाते में बैंक से अवैध रूप से 1.82 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए थे। वहीं, अशोक सोनी ने इन फर्जी लेन-देन से अर्जित राशि से अपनी पत्नी सुषमा के नाम पर करोड़ों की संपत्ति खरीदी थी, जिसमें कीमती जेवरात और जमीन शामिल हैं।
पत्नी के नाम पर खरीदे गहने और प्लॉट
पुलिस ने सुषमा सोनी के कब्जे से 60 लाख 30 हजार रुपए के आभूषण बरामद किए हैं। साथ ही, करीब डेढ़ करोड़ रुपए मूल्य का प्लॉट भी उनके नाम से खरीदा गया था, जिसके दस्तावेज जब्त कर लिए गए हैं। जांच में यह भी साफ हुआ है कि अशोक सोनी ने योजनाबद्ध तरीके से सारा धन अपनी पत्नी और करीबी ज्वेलर्स के माध्यम से खपाया।
13 आरोपी अब तक गिरफ्तार
इस मामले में पहले ही बैंक मैनेजर अशोक सोनी सहित 11 बैंक अधिकारी-कर्मचारी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। रिमांड पर पूछताछ के दौरान मिले सुराग के आधार पर नवनीत सोनी और सुषमा सोनी की गिरफ्तारी हुई है। अब इस घोटाले में कुल गिरफ्तारियों की संख्या 13 हो गई है।
कैसे हुआ 28 करोड़ का घोटाला?
सूत्रो से मिली जानकारी के मुताबिक, 2012 से 2024 तक की अवधि में शंकरगढ़ और कुसमी शाखा में 28 करोड़ रुपए की हेराफेरी सामने आई है। तत्कालीन शाखा प्रबंधक अशोक कुमार सोनी ने फर्जी खाते खोलकर समितियों के खातों से पैसा निकालना शुरू किया। नकद निकासी और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिए बैंक की रकम को निजी खातों में पहुंचाया गया।
बैंक ऑडिट में पाया गया कि:
•अशोक सोनी के खाते में 1.36 करोड़ रुपए
•कंप्यूटर ऑपरेटर प्रकाश कुमार सिंह के खाते में 4.64 लाख रुपए
•महामाया कंस्ट्रक्शन कंपनी के खाते में 30 लाख रुपए
ट्रांसफर किए गए थे।
मामला दर्ज, जांच जारी
कुसमी थाना में इस घोटाले को लेकर पूर्व बैंक मैनेजर अशोक सोनी समेत 12 लोगों पर IPC की धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120बी और 34 के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घोटाले में और भी नाम सामने आने की संभावना है और सभी बैंक खातों की बारीकी से जांच की जा रही है।
अब देखना ये है कि इस ‘घोटाले की चेन’ का आखिरी सिरा कहां जाकर थमता है, और किस-किस की गर्दन इस रकम के दलदल में फंसी हुई है।