PBKS के पास 191 रन का टारगेट था, लेकिन पंजाब इस मैच में सात विकेट पर 184 रन पर ही बना सकी. मैच का आखिरी ओवर काफी रोमांचक रहा. PBKS को जीत के लिए 6 गेंदों पर 29 रनों की जरूरत थी. आखिरी ओवर में शशांक सिंह के बल्ले से पहली दो बॉल पर एक भी रन नहीं बना, लेकिन इसके बाद तीसरी गेंद पर छक्का, चौथी पर चौका, पांचवीं पर छक्का और छठी गेंद पर भी छक्का लगा. शशांक ने अपनी पारी में 30 गेंदों पर 61 रनों की पारी खेली. अगर उन्हें एक बॉल और मिल जाती तो पूरे मैच की बाजी पलट जाती और IPL 2025 की ट्रॉफी PBKS के पास होती.
पूरे देश में विराट की भावनाओं और आंसुओं की चर्चा रही। लेकिन इस विराट जीत के शोर में एक खिलाड़ी की जुझारू पारी कहीं गुम हो गई – और वो थे शशांक सिंह।

विराट के आंसू चर्चा में, लेकिन शशांक का संघर्ष भी कम नहीं
विराट कोहली की मेहनत, उनका भावनात्मक क्षण और उनकी कप्तानी बेशक तारीफ के काबिल रही। लेकिन शशांक सिंह का वो अकेले मैदान पर डटे रहना, टीम को अंत तक खींचना, और जीत की उम्मीद बनाए रखना – इस संघर्ष की भी चर्चा होनी चाहिए। वो चुपचाप रोए, किसी ने नहीं देखा, लेकिन वो अपने प्रदर्शन से यह बता गए कि कभी-कभी नायक वो होता है जो ट्रॉफी ना सही, पर दिल जीत लेता है।
पूरे देश में विराट की भावनाओं और आंसुओं की चर्चा रही। लेकिन इस विराट जीत के शोर में एक खिलाड़ी की जुझारू पारी कहीं गुम हो गई – और वो थे शशांक सिंह।