RAIPUR NEWS : रायपुर। पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय (रविवि) के सम्बद्ध शासकीय एवं अशासकीय कॉलेजों में स्नातक और स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर के प्रवेश के लिए ओपन किया गया ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पोर्टल अचानक बंद कर दिया गया है। इस फैसले ने छात्रों, उनके अभिभावकों और कॉलेज प्रबंधन को असमंजस में डाल दिया है।
उच्च शिक्षा विभाग ने पहले ही एकेडमिक कैलेंडर जारी कर दिया है, जिसमें 16 जून से प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने की बात कही गई है। लेकिन पोर्टल बंद होने से सरकारी और निजी कॉलेजों के हजारों छात्र असमंजस में हैं, वहीं निजी विश्वविद्यालयों को इसका सीधा लाभ मिलता नजर आ रहा है। बड़ी संख्या में छात्र अब निजी विश्वविद्यालयों की ओर रुख कर रहे हैं और वहां रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं।
प्राइवेट कॉलेजों की मांग – जल्द खोलें पोर्टल
प्राइवेट कॉलेज प्रिंसिपल्स एसोसिएशन ने जल्द ही रविवि प्रबंधन से मुलाकात कर पोर्टल को दोबारा खोलने की मांग करने की बात कही है। एसोसिएशन के मुताबिक, बगैर किसी पूर्व सूचना के पोर्टल बंद करना छात्रहित के खिलाफ है और इससे पूरे दाखिला सिस्टम पर असर पड़ रहा है।
क्या निजी विवि और यूटीडी को फायदा पहुंचाने की है रणनीति?
शिक्षाविदों का आरोप है कि रविवि द्वारा पोर्टल बंद करने के पीछे निजी विश्वविद्यालयों और यूनिवर्सिटी टीचिंग डिपार्टमेंट (यूटीडी) को फायदा पहुंचाने की मंशा हो सकती है। गौरतलब है कि रविवि ने अपनी अध्ययनशालाओं में प्रवेश के लिए अप्रैल से ही पोर्टल खोल दिया था, जबकि कॉलेजों के पोर्टल को बंद कर दिया गया है। जानकारों का कहना है कि यूटीडी की सीटें हर साल खाली रह जाती हैं, जिसे भरने के लिए यह कदम उठाया गया हो सकता है।
रिजल्ट जारी करने पर भी लगा ब्रेक
पिछले एक सप्ताह से वार्षिक परीक्षाओं के परिणाम जारी करने की प्रक्रिया भी धीमी पड़ गई है। विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अंतिम मुख्य परीक्षा का रिजल्ट 28 मई को (बीए सेकंड ईयर) अपलोड हुआ था। उसके बाद मुख्य परीक्षाओं के रिजल्ट जारी नहीं किए जा रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो विश्वविद्यालय प्रबंधन का ध्यान इस समय छात्रहित से हटकर निर्माण कार्यों और विभिन्न खरीदी प्रक्रियाओं पर अधिक केंद्रित है। अधिकारी कैंपस विकास कार्यों की मॉनिटरिंग में व्यस्त हैं, जिससे शिक्षा और परीक्षा संबंधित कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
रविवि द्वारा अचानक पोर्टल बंद किए जाने से जहां छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है, वहीं कॉलेज प्रशासन और शिक्षक वर्ग में भी असंतोष है। शिक्षा से जुड़ी संस्थाओं ने इस पर तत्काल ध्यान देने की मांग की है, ताकि निर्धारित तिथि से प्रवेश प्रक्रिया सुचारू रूप से आरंभ हो सके।