रायगढ़। CG NEWS: देश में फिर से कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने लगे हैं, जिसे देखते हुए छत्तीसगढ़ के रायगढ़ स्थित स्व. लखीराम अग्रवाल स्मृति शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, जो संत बाबा गुरु घासीदास जी स्मृति शासकीय चिकित्सालय से संबद्ध है, में कोरोना के संभावित खतरे से निपटने की तैयारियों को परखने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।
गुरुवार को आयोजित इस पूर्वाभ्यास में एक डमी मरीज को कोरोना संक्रमित मानते हुए एम्बुलेंस के माध्यम से अस्पताल लाया गया। जैसे ही मरीज अस्पताल पहुंचा, पूरे अस्पताल प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तय प्रोटोकॉल के अनुसार इलाज शुरू किया। पीपीई किट पहने स्वास्थ्यकर्मियों ने मरीज को ऑक्सीजन युक्त स्ट्रेचर पर लिटाकर सीधे 24 बेड वाले चिन्हित आइसोलेशन वार्ड में पहुंचाया।
वहां मौजूद चिकित्सकों ने पहले मरीज का ऑक्सीजन लेवल ऑक्सीमीटर से जांचा और उसे ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड पर भर्ती किया। इसके साथ ही मरीज की वाइटल साइन मशीन, मल्टी पैरामीटर मॉनिटर और वेंटिलेटर की मदद से निगरानी की गई। मॉक ड्रिल के दौरान अस्पताल की समस्त तैयारियों का वास्तविक समय में परीक्षण किया गया। इस अभ्यास ने स्वास्थ्यकर्मियों को एक बार फिर महामारी के दौरान अपनाए गए तरीकों की याद दिला दी।
अस्पताल अधीक्षक डॉ. एम.के. मिंज़ ने बताया कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य संभावित आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों का आकलन करना था। उन्होंने सभी चिकित्सकों और स्टाफ को मरीजों की समुचित देखभाल, कोविड जांच सुनिश्चित करने, ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड को सक्रिय रखने, तथा संक्रमण से बचाव की सभी जरूरी सावधानियाँ अपनाने के निर्देश दिए।
इस दौरान अस्पताल में सेनेटाइज़र, दवाइयों की उपलब्धता, और ऑक्सीजन भंडारण की स्थिति की भी समीक्षा की गई। स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों के अनुसार ऐसे अभ्यास राज्य के अन्य मेडिकल संस्थानों में भी किए जा रहे हैं, ताकि किसी भी संभावित लहर से समय रहते निपटा जा सके। मॉक ड्रिल ने यह सिद्ध किया कि रायगढ़ मेडिकल कॉलेज किसी भी आपात कोविड स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।