कवर्धा में ‘हरा सोना’ की बंपर खरीदी, वनोपज संग्राहकों की झोली हुई खुशियों से भरी
“कवर्धा में ‘हरा सोना’ की बंपर खरीदी, संग्राहकों को मेहनत का भरपूर दाम”
कवर्धा। CG NEWS: छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में इस साल वन उपज (Minor Forest Produce) का संग्राहकों को तगड़ा फायदा मिल रहा है। जंगलों में उगने वाली जड़ी-बूटियां, तेंदूपत्ता, तेजपत्ता, महुआ फूल और अन्य वनोपज को लोग ‘हरा सोना’ कहते हैं और इस बार इसकी बंपर खरीदी हो रही है।
सरकारी खरीदी केंद्रों में हजारों क्विंटल वनोपज जमा हो चुकी है। संग्राहकों को सरकारी दर पर अच्छा दाम मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति सुधर रही है और गांवों में खुशियों का माहौल है।
तेजपत्ता-तेंदूपत्ता की रिकॉर्ड खरीदी
वन विभाग के मुताबिक इस साल तेजपत्ता, तेंदूपत्ता और हर्रा, बहेरा जैसी जड़ी-बूटियों की रिकॉर्ड तोड़ खरीदी हुई है। तेजपत्ता की खुशबू और औषधीय गुणों की वजह से देशभर में इसकी डिमांड तेजी से बढ़ी है।
तेंदूपत्ता भी बीड़ी उद्योग की रीढ़ माना जाता है और कवर्धा जिला इस मामले में सबसे आगे निकल रहा है।
संग्राहकों को मिल रहा मेहनत का पूरा फल
ग्रामीण संग्राहकों का कहना है कि अब उन्हें बिचौलियों के पास जाने की ज़रूरत नहीं, सीधे सरकारी केंद्र में माल बेचने से पूरा मेहनताना मिल रहा है। पहले बाजार में जो वनोपज औने-पौने दाम में बिकती थी, अब वही उचित दर पर खरीदी जा रही है।
इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है और परिवार की जरूरतें भी बेहतर तरीके से पूरी हो रही हैं।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ताकत
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वनोपज खरीदी ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ताकत दी है। इससे न सिर्फ रोजगार बढ़ा है, बल्कि ग्रामीणों में वन संरक्षण के प्रति जागरूकता भी आई है।
वन उपज की खरीदी से गांवों में पैसा भी रुक रहा है, जिससे लोकल मार्केट में भी रौनक लौट आई है।