गुवाहाटी। CRIME NEWS : अभी इंदौर के राजा रघुवंशी मर्डर केस का मामला सुलझा ही नहीं कि ऐसा ही एक नया मामला असम से भी आ गया है. ताजा जानकारी के मुताबिक यहां के ओडलबकरा इलाके से चौंकाने वाली घटना सामने आई है. यहां एक पति ने अपनी नई नवेली पत्नी को इसलिए घर से निकाल दिया क्योंकि उसकी हाइट बहुत कम थी. पता चला है कि अभी दोनों की शादी को महज छह ही दिन हुए थे. आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला.
यह घटना गुवाहाटी स्थित ओडलबकरा निजोरा पथ की है. ओडलबकरा निजोरा पथ निवासी स्वप्न दास और राणा दास के दूसरे नंबर के बेटे राजकुमार दास ने 2 जून को एक सार्वजनिक समारोह में मायोंग की एक युवती से विवाह किया. हालांकि, एक सप्ताह भी नहीं बीता और नवविवाहिता दुल्हन को उसके ससुराल वालों ने घर से निकाल दिया. बता दें, असम में एक प्रथा है कि शादी के एक सप्ताह बाद अथमोंगला समारोह मनाया जाता है, जिसमें शादी की परंपरागत रस्में अद की जाती हैं. इस समारोह में दुल्हा-दुल्हन दोनों के परिवार भी शामिल होते हैं, लेकिन दुल्हन पक्ष के बुलाए जाने पर लड़की के ससुराल वाले शामिल नहीं हुए.
मामला उस समय बिगड़ गया जब रात को नवविवाहिता को कथित तौर पर प्रताड़ना झेलनी पड़ी और उसके ससुराल वालों ने उसे घर से धक्के मारकर निकाल दिया. पूरे इलाके में यह खबर सनसनी की तरह फैल गई. घटना की खबर जैसे ही पुलिस को मिली वह मौके पर पहुंची और पूछताछ करने लगी. आसपास के लोगों ने बताया कि दुल्हे राजकुमार दास के बड़े भाई राजेन दास की भी पहले दो बार शादी हो चुकी है, लेकिन उसने भी अपनी दोनों पत्नियों को इसी तरह भगा दिया था. इस परिवार का यही रिवाज ही है.
वहीं, पीड़िता ने कमिश्नर ऑफिस में कार्यरत अपने पति राजकुमार दास पर गंभीर आरोप लगाए. उसने अपनी शिकायत में कहा कि शादी के दो दिन बाद से ही मेरा पति कहने लगा कि वह उसको नहीं रखना चाहता. उसने कहा कि तुम्हारी हाइट बहुत कम है और तुम्हारी छोटी तुमसे ज्यादा लंबी है. इसलिए तुमको छोड़ देगा और उससे ब्याह रचाएगा. इसके साथ-साथ उसने मेरे साथ मारपीट भी की.
उसने अपने पति पर आरोप लगाते हुए कहा कि स्थानीय लोगों ने बताया कि उसके बड़े भाई ने पहले भी ऐसा ही किया है. उसने दो बार शादी की, लेकिन दोनों पत्नियां अब उसके साथ नहीं हैं. पुलिस के कहने पर भी मेरी सास मुझे रखने को तैयार नहीं हैं. मेरी हाइट को लेकर ये लोग मुझे ताने दे रहे हैं. पीड़िता ने कहा कि मुझे हर हाल में न्याय चाहिए.