बिलासपुर। Chhattisgarh : रायगढ़ निवासी खितिभूषण पटेल को बड़ा झटका लगा है, जब हाईकोर्ट ने उनकी दत्तक पुत्री ज्योति पटेल की संपत्ति पर उत्तराधिकार के दावे को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति एनके व्यास की एकलपीठ ने कहा कि नामिनी होने भर से संपत्ति का उत्तराधिकारी नहीं ठहराया जा सकता और न ही यह अधिकार उत्तराधिकार अधिनियम के तहत वैध है।
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कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अविवाहित महिला की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति का वितरण हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 की धारा 15 और 16 के अनुसार होगा, जिसमें मां को प्राथमिक उत्तराधिकारी माना गया है। मामले के अनुसार, खितिभूषण ने अपने छोटे भाई की पुत्री ज्योति को विधिवत रूप से गोद लिया था और उसकी परवरिश, शिक्षा व देखभाल की।
ज्योति को पुलिस विभाग में अनुकंपा नियुक्ति भी मिली थी, लेकिन 2014 में उसकी मृत्यु अविवाहित अवस्था में हो गई। ज्योति की बैंक और बीमा पॉलिसी में नामिनी खितिभूषण ही थे, इस आधार पर उन्होंने संपत्ति पाने का दावा किया। पहले सिविल न्यायालय ने उनके आवेदन को खारिज किया और अब हाईकोर्ट ने भी उस फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि मृतक की संपत्ति पर नामिनी के बजाय कानूनन तय उत्तराधिकारी को ही अधिकार होगा। कोर्ट ने कहा कि मृतका के पिता की मृत्यु हो चुकी है, इसलिए उसकी मां ही एकमात्र वैध उत्तराधिकारी मानी जाएगी और संपत्ति की हकदार वही होंगी।