रायपुर। Ban On Fishing In CG : वर्षा ऋतु में मछलियों की वंश वृद्धि (प्रजनन) को दृष्टिगत रखते हुए छत्तीसगढ़ में सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। 16 जून से 15 अगस्त 2025 तक राज्य की नदियों, तालाबों और जलाशयों में मछली पकड़ने पर रोक लगाई गई है। इस दौरान मछलियों को न पकड़ा जा सकेगा, न मारा जाएगा, न ही बाजार में बेचा जाएगा।
ये रोक इसलिए लगाई गई है क्योंकि बरसात के मौसम में मछलियां अंडे देती हैं और इस समय उन्हें सुरक्षित रहने की ज़रूरत होती है। सरकार ने यह नियम छत्तीसगढ़ मत्स्योद्योग अधिनियम 1972 के तहत बनाया है। इस फैसले से मछलियों को प्रजनन का समय और सुरक्षित माहौल मिलेगा। आने वाले दिनों में मछलियों की संख्या बढ़ेगी और किसानों को ज्यादा फायदा होगा।
कहां-कहां लागू रहेगा यह नियम?
- जिन तालाबों और जल स्रोतों का नदी-नालों से कोई संबंध नहीं है, वहां मछली पकड़ी जा सकेगी।
- पिंजरे में मछली पालन (केज कल्चर) करने वाले किसानों पर यह नियम लागू नहीं होगा।
अगर कोई इस नियम को तोड़ेगा, तो उसे 1 साल की जेल या ₹10,000 का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
विदेशी मछलियों पर पूरी तरह से रोक
छत्तीसगढ़ में अब विदेशी मांगूर मछली (Clarias gariepinus) और बिग हेड मछली (Hypophthalmichthys nobilis) को पालना, बेचना, खरीदना या लाना पूरी तरह से बैन कर दिया गया है।
ये मछलियां दूसरे जीवों को नुकसान पहुंचाती हैं और पानी के जीवन को बिगाड़ देती हैं। इसलिए भारत सरकार और राज्य सरकार ने इन्हें प्रतिबंधित मछली घोषित कर दिया है।
अब कोई भी व्यक्ति, संस्था या समूह इन मछलियों का पालन नहीं कर सकता – चाहे तालाब निजी हो या सरकारी। अगर कोई ऐसा करता है, तो 1 साल की जेल या ₹10,000 का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।
याद रखें : 16 जून से 15 अगस्त तक मछलियों को छुट्टी है। न पकड़ें, न बेचें, न मारें। और विदेशी मछलियों से दूर रहें नहीं तो सजा हो सकती है।