न्यायहित में अधिवक्ताओं को सुरक्षा कवच ज़रूरी – भगवानू
रायपुर । CG News : छत्तीसगढ़, दिनांक 22/06/2025। देश के गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने छत्तीसगढ़ में क़ानून व्यवस्था को और भी अधिक मज़बूत करने के उद्देश्य से आज नवा रायपुर स्थित होटल मेफ़ेयर में राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय एवं केंद्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला के भूमि पूजन समारोह में पहुँचे तथा अस्थायी परिसर का ई-उद्घाटन किया। कार्यक्रम में प्रदेश भर से सैकड़ों अधिवक्तागण समारोह में शामिल हुए।
समारोह के समापन पश्चात् अधिवक्ता साथियों के साथ अधिवक्ता भगवानू नायक ने केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के नाम छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री व विधि मंत्री श्री अरुण साव को अधिवक्ताओं के हित में विशेष अधिवक्ता सुरक्षा का क़ानून और अधिवक्ता कल्याण योजना लागू करने एक ज्ञापन सौंपा।
इस दौरान अधिवक्ता भगवानू नायक ने कहा अधिवक्ता न्याय व्यवस्था के महत्वपूर्ण अंग है जो मंदिर में एक पुजारी की तरह अदालत में न्याय धर्म का पालन करते है परंतु हाल के वर्षों में देशभर में अधिवक्ताओं पर हमलों की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे न केवल उनकी जान को खतरा पैदा हो गया है, बल्कि न्याय प्रणाली की स्वतंत्रता और कार्यप्रणाली भी प्रभावित हो रही है।
उन्होंने कहा अधिवक्ता न्यायिक प्रक्रिया का एक अहम हिस्सा हैं और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।
अधिवक्ता श्रीमती उर्वशी घोष ने कहा अधिवक्ताओं पर हमले को गंभीर अपराध घोषित किया जाए और ऐसे मामलों में सख्त सजा का प्रावधान हो, अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए विशेष सुरक्षा बल या तंत्र स्थापित किया जाए, अधिवक्ताओं के विरुद्ध हिंसा या धमकी संबंधी शिकायतों का त्वरित निपटान सुनिश्चित किया जाए, न्यायालय परिसरों और अधिवक्ताओं के कार्यस्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए।
साथ ही अधिवक्ताओं के लिए कल्याणकारी योजना लागू किया जाए जिसमें प्रमुख रूप आधिवक्ताओं का सामूहिक बीमा, 62 वर्षीय वरिष्ठ अधिवक्ताओं को पेंशन, जूनीयर अधिवक्ताओं को मानदेय राशि, अधिवक्ता आवास/कॉलोनी का निर्माण सहित अधिवक्ताओं के कल्याण में नीति और योजना लागू किया जाए क्यूँकि समाज में अधिवक्ता मजबूत होगा तो क़ानून मजबूत होगा और जब क़ानून मजबूत होगा तो न्याय व्यवस्था मजबूत होगी।
अधिवक्ता पीयूष शर्मा और प्रदीप साहू ने कहा अधिवक्ताओं की सुरक्षा के बिना न्यायिक प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो सकती। यह न केवल उनके मौलिक अधिकारों का मामला है, बल्कि देश की कानून व्यवस्था और न्याय प्रणाली की गरिमा से भी जुड़ा हुआ है।
अधिवक्ता अंकुर दीप ने कहा हमें उम्मीद है कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से लेंगी और जल्द से जल्द छत्तीसगढ़ राज्य में एक प्रभावी अधिवक्ता सुरक्षा कानून और अधिवक्ता कल्याण योजना लागू करने की दिशा में ठोस कदम उठाएगी, यदि ये योजनाएं लागू होती हैं, तो राज्य के 27,000 से अधिक अधिवक्ताओं को लाभ मिलेगा ।