रायगढ़। CG NEWS: देश में 25 जून 1975 को लगाए गए आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी रायगढ़ द्वारा भाजपा कार्यालय के हाल में एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य आपातकाल के दौरान हुई लोकतंत्र की हत्या, जनता पर अत्याचार और संवैधानिक मूल्यों के दमन को आज की पीढ़ी के समक्ष उजागर करना था।
आपातकाल पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष अनुराग सिंह देव ने फीता काटकर किया। और प्रदर्शनी को देखकर सराहना भी की। प्रदर्शनी में चित्रों के माध्यम से उस दौर की घटनाओं को दर्शाया गया जब सत्ता बचाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संविधान के अनुच्छेद 352 का दुरुपयोग कर देश को 21 महीनों के लिए अलोकतांत्रिक शासन में धकेल दिया था।
प्रदर्शनी में यह दर्शाया गया कि 1971 में इंदिरा गांधी पर चुनावी धांधली का मामला चला, और 12 जून 1975 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उन्हें दोषी ठहराते हुए 6 वर्षों के लिए चुनाव लड़ने और सार्वजनिक पद हेतु अयोग्य घोषित कर दिया। इसके बाद 25 जून की रात इंदिरा गांधी ने राष्ट्रपति के माध्यम से आपातकाल घोषित करवा दिया वह भी बिना कैबिनेट की मंजूरी के।
इस प्रदर्शनी में दिखाया गया कि किस तरह प्रेस की स्वतंत्रता को कुचला गया। इंडियन एक्सप्रेस और स्टेट्समैन जैसे प्रतिष्ठित अखबारों ने विरोध स्वरूप खाली संपादकीय छापे। कठोर सेंसरशिप लागू की गई और पत्रकारों को संसद की कार्यवाही रिपोर्ट करने तक से रोका गया।
देशभर में एबीवीपी जैसे छात्र संगठनों के नेतृत्व में आंदोलन हुए, लेकिन रातों-रात अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी सहित हजारों विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया। भाजपा नेताओं ने कहा कि यह प्रदर्शनी केवल इतिहास की याद नहीं, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए चेतावनी है। उन्होंने मांग की कि आपातकाल में हुए अत्याचारों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए, ताकि आने वाली पीढ़ियां लोकतंत्र की कीमत को समझ सकें और भारत फिर कभी ऐसी स्थिति का सामना न करे।