रायपुर | CG News: राजधानी रायपुर के भटगांव इलाके में सोमवार को ज़मीन अतिक्रमण से जुड़ी एक गंभीर घटना सामने आई। प्रतीक शर्मा नामक व्यक्ति द्वारा निजी स्वामित्व की भूमि पर जबरन घुसकर बाउंड्री वॉल को क्षतिग्रस्त किया गया। साथ ही, घटनास्थल पर लगी फेंसिंग तार को भी तोड़कर जमीन पर अवैध कब्जे का प्रयास किया गया।
पीड़ित पक्ष ने Mujgahan थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि यह भूमि पूर्व से उनके स्वामित्व और वैधानिक कब्जे में है, जिसके सीमांकन हेतु बाउंड्री वॉल और तारबंदी की गई थी। प्रतीक शर्मा ने ना केवल इस दीवार को तोड़ा, बल्कि विरोध करने पर गाली-गलौज और धमकी भी दी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह भूमि रायपुर के भटगांव क्षेत्र के खसरा नंबर 244/1, 253 एवं 254/1 के अंतर्गत आती है, जिसकी रजिस्ट्री और भू-अधिकार संबंधित दस्तावेज़ पीड़ित पक्ष के पास विधिवत उपलब्ध हैं। इसके बावजूद प्रतीक शर्मा नामक व्यक्ति और उसके सहयोगियों ने खुद को मालिक बताते हुए ज़बरदस्ती स्थल पर कब्जा करने का प्रयास किया।
इस प्रयास के दौरान दीवार तोड़ दी गई, तारबंदी उखाड़ दी गई, और जमीन के अन्दर प्रवेश कर लिया गया, जो भारतीय दंड संहिता की धारा 427 (संपत्ति को नुकसान पहुंचाना), 441 (अनाधिकृत प्रवेश), 447 (अवैध घुसपैठ), एवं 506 (धमकी देना) के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में आता है।
⚖️ पुलिस से कार्रवाई की मांग
घटना के बाद पीड़ितों ने थाना प्रभारी को शिकायत सौंपते हुए यह मांग की कि प्रतीक शर्मा और उसके साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर तत्काल गिरफ्तारी की जाए। साथ ही भूमि पर पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई जाए ताकि आगे कोई विध्वंस न हो।
शिकायतकर्ता पक्ष का कहना है कि इससे पहले भी प्रतीक शर्मा द्वारा संपत्ति को लेकर विवाद खड़ा किया गया था और प्रशासन को सूचित किया गया था। लेकिन कार्रवाई न होने के कारण उसका दुस्साहस और बढ़ गया, जिसका नतीजा अब प्रत्यक्ष रूप से सामने आ चुका है।
📈 ज़मीन विवादों के पीछे बढ़ते अपराध
रायपुर सहित छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ वर्षों में ज़मीन से जुड़े अपराधों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। जिले में हर महीने सैकड़ों की संख्या में भूमि विवाद की शिकायतें आती हैं, जिनमें से कई में मामला सीधा अवैध कब्जा, झूठे दस्तावेज़, सीमांकन तोड़ना और हिंसा तक पहुँच जाता है।
इस तरह के विवाद सिर्फ संपत्ति तक सीमित नहीं रह जाते, बल्कि सामाजिक तानेबाने को भी प्रभावित करते हैं। जिन लोगों की मानसिकता प्रतीक शर्मा जैसी होती है, वे अक्सर कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश करते हैं, और ऐसे ही लोग आने वाले समय में संगठित अपराधों की ओर अग्रसर हो जाते हैं।
⚠️ प्रतीक शर्मा जैसी प्रवृत्तियों से समाज को खतरा
यह कोई अकेला मामला नहीं है। प्रतीक शर्मा जैसे लोग, जिनके पास कानूनी अधिकार नहीं होते हुए भी वे दूसरों की जमीन पर जबरन कब्जा करने का प्रयास करते हैं, समाज में कानून और व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा बनते जा रहे हैं।
इस तरह की घटनाएं यह संकेत देती हैं कि यदि ऐसे तत्वों को समय रहते रोका नहीं गया, तो ये आने वाले समय में गुंडागर्दी, जमीन माफिया, और राजनीतिक संरक्षण प्राप्त आपराधिक नेटवर्क का हिस्सा बन सकते हैं। इसीलिए, सिर्फ कानूनी कार्रवाई ही नहीं, बल्कि ऐसे लोगों पर प्रशासनिक निगरानी आवश्यक हो जाती है।
🏛️ प्रशासन और समाज की जिम्मेदारी
प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह ऐसी शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर ले और जमीन विवादों को लेकर स्पष्ट व त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित करे। जिला स्तर पर भूमि विवादों के लिए विशेष न्यायालय या भूमि विवाद निवारण सेल की स्थापना की जाए, जिससे पीड़ितों को बार-बार पुलिस और कोर्ट के चक्कर न लगाने पड़ें।
इसके साथ ही, समाज को भी जागरूक होने की आवश्यकता है। जब ऐसे लोगों को कोई सामाजिक या राजनीतिक संरक्षण मिलता है, तब वे और अधिक ताकतवर हो जाते हैं। नागरिकों को चाहिए कि वे ऐसी घटनाओं को लेकर आवाज उठाएं और प्रशासनिक कार्रवाई की माँग करें।
🔍 निष्कर्ष
भटगांव में प्रतीक शर्मा द्वारा की गई अतिक्रमण की घटना केवल एक ज़मीन विवाद नहीं है, यह व्यवस्था और क़ानून के ख़िलाफ़ खुला अपराध है। प्रशासन अगर समय रहते सख्ती नहीं दिखाता, तो प्रतीक शर्मा जैसे लोग आने वाले समय में अपराधी नहीं बल्कि अपराध सरगना बन सकते हैं।
अब समय आ गया है कि रायपुर और छत्तीसगढ़ के अन्य हिस्सों में जमीन विवादों को गंभीरता से लिया जाए और “भूमि माफिया मुक्त” अभियान को सख्ती से लागू किया जाए।