रवि विदानी, महासमुंद। Mahasamund: अभी बारिश की शुरुआत नहीं हुई हैं और जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों की पोल खुलने लगी है। ठीक इसके उलट महिला बालविकास अधिकारियों के दावे हैं। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए केंद्र सरकार जहां आंगनबाड़ी केंद्रों पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। वहीं प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के चलते बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र नहीं पहुंच रहे हैं।
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हम बात कर रहे हैं महासमुंद जिले के झलप क्षेत्र के ग्राम पचरी की आंगनबाड़ी क्रमांक दो की खस्ता हालत अपने व्यथा को स्वयं बयान कर रही है। आंधे घंटे की बारिश से पूरा आंगनबाड़ी की छत टपकने लगी है। वहीं आंगनबाड़ी का पूरा कैंपस पानी से भर गया है। आंगनबाड़ी के घास-फूस इतने बड़े है कि बरसात में वहीं सांप बिच्छू जैसे विषैले जीव जंतुओं का पहुंचना आम बात है।
पचरी के आंगनबाड़ी की यह दुर्दशा इसी वर्ष नहीं हुई है। यह स्थिति पिछले कई सालों से हैं जिसकी जानकारी ग्रामीण परियोजना अधिकारियों, सुपर वाइजर को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता देती रही है, उसके बाद भी इस पर जिम्मेदार अधिकारियों ने अब तक कोई संज्ञान नहीं लिया है।