सुसाइड नोट में खुला राज — पटवारी की आत्महत्या के बाद हड़कंप, घोटाले में अफसरों पर गिरी गाज की तलवार
बिलासपुर। CG News : छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में भारतमाला परियोजना के बहुचर्चित मुआवजा घोटाले में फंसे निलंबित पटवारी सुरेश मिश्रा की आत्महत्या ने पूरे जिले को हिला कर रख दिया है। आत्महत्या से पहले छोड़े गए सुसाइड नोट में पटवारी ने कोटवार, सचिव और राजस्व अफसरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अब इस पूरे मामले में पटवारी संघ भी एकजुट होकर सामने आया है और एसपी से निष्पक्ष जांच और असली दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
📌 कैसे हुआ मामला उजागर
27 जून (शुक्रवार) दोपहर, सकरी थाना क्षेत्र के जोकी गांव स्थित अपनी बहन के फार्महाउस में सुरेश मिश्रा ने पंखे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस जब मौके पर पहुंची, तो कमरा भीतर से बंद था और शव पंखे से लटका मिला। मौके से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ, जिसमें सुरेश ने लिखा —
“मैं दोषी नहीं हूं, मुझे साजिश के तहत फंसाया गया है।”
इस चिट्ठी में सुरेश मिश्रा ने कोटवार, ग्राम सचिव, और कुछ राजस्व अफसरों के नाम लिए, जो भारतमाला परियोजना के मुआवजा घोटाले में शामिल बताए गए।
📌 सस्पेंड होने के तीसरे दिन कर ली फांसी
सुरेश मिश्रा, तखतपुर तहसील के भाड़म पंचायत में पटवारी था। 25 जून को निलंबन के बाद उसी दिन उसके खिलाफ तोरवा थाने में FIR दर्ज की गई थी। मामले में तत्कालीन तहसीलदार डीएस उइके समेत कई अफसरों के भी नाम थे।
📌 क्या था भारतमाला घोटाला
बिल्हा तहसील के ढेका गांव में भारतमाला परियोजना के तहत ज़मीन अधिग्रहण में करोड़ों का फर्जीवाड़ा किया गया। जांच में खुलासा हुआ कि गांव की 150 ज़मीनों को कई टुकड़ों में बांटकर 76 फर्जी किसानों के नाम पर दाखिल खारिज करवा दिया गया। इससे सरकार को 15 करोड़ से ज्यादा का मुआवजा नुकसान हुआ।
गौर करने वाली बात ये कि सभी बंटवारे और नामांतरण एक ही दिन ऑनलाइन दर्ज किए गए थे। इस मामले में एफआईआर तो हुई, लेकिन अब तक ठोस जांच शुरू नहीं हो सकी थी।
📌 पटवारी संघ की नाराजगी, SP से की मुलाकात
पटवारी सुरेश मिश्रा की आत्महत्या के बाद पूरे जिले के पटवारी संघ ने एसपी बिलासपुर से मुलाकात कर निष्पक्ष जांच और साजिशकर्ताओं पर सख्त कार्रवाई की मांग की। एसपी ने भी सभी बिंदुओं पर जांच कर दोषियों को चिन्हित कर कार्रवाई का भरोसा दिया है।
📌 अब जांच पर सबकी नजर
सुरेश मिश्रा की मौत और सुसाइड नोट के खुलासे के बाद यह मामला और गर्मा गया है। अब देखना होगा कि पुलिस और प्रशासन इस मामले में कितनी तेजी से कार्रवाई करता है और किन-किन अफसरों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।